आरडी गार्डी से फैला एक सफेद झूठ…

उज्जैन। कोरोना काल में सोशल मीडिया का कितना महत्व बढ़ गया है.. इस बात को लोग अच्छी तरह जान चुके हैं.. यही वजह है कि सोशल मीडिया का कई जगह गलत उपयोग भी होने लगा है.. ऐसा ही एक मामला उज्जैन के आरडी गार्डी मेडिकल कॉलेज का सामने आया है.. आरडी गार्डी मेडिकल कॉलेज से एक ऐसा सफेद झूठ फैलाया जा रहा है जिसे सुनकर आप दंग रह जाएंगे। देखिए पूरी रिपोर्ट। 

उज्जैन के आरडी गार्डी मेडिकल कॉलेज से एक वीडियो बनाकर वायरल किया गया जिसमें कोरोना पॉजिटिव एक मरीज यह बात कह रहा है कि मेडिकल कॉलेज में कोई व्यवस्था नहीं है.. मेडिकल कॉलेज का खाना भी बेकार है.. तीन रोटी दी जा रही है.. इसके अलावा चावल भी कच्चे मिल रहे हैं.. उसने यह भी कहा कि मेडिकल कॉलेज में 100 मरीजों को एक साथ रखा जा रहा है.. ऐसे में आइसोलेशन की व्यवस्था भी नहीं बन पा रही है । इन गंभीर आरोपों के साथ यह वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है । जब वीडियो की सच्चाई का पता लगाने की कोशिश की गई तो माजरा कुछ और ही निकला।

अपर कलेक्टर सुजान सिंह रावत ने बताया कि बड़नगर के कई पोजीटीव मरीज इंदौर में भर्ती है। हाल ही में बडनगर से आए चार-पांच मरीज भी इंदौर जाना चाहते हैं। मरीजोंं का तर्क है कि वे इंदौर में एक साथ इलाज करवाएंगे। श्री रावत के अनुसार आरडी गार्डी मेडिकल कॉलेज में व्यवस्थाएं पहले से काफी बेहतर हो गई है। यहां पर 25 मरीज मंगलवार को ठीक होकर निकल गए हैं । ऐसे में बड़नगर के मरीजों को काफी समझाया गया, लेकिन वे अपने साथियों के साथ इंदौर में इलाज करवाना चाहते हैं। सबसे पहले तो वे आधे घंटे तक अस्पताल के अंदर ही नहीं आए। इसके बाद उन्होंने झूठा वीडियो बनाकर वायरल कर दिया । श्री रावत के मुताबिक मेडिकल कॉलेज में खाने की व्यवस्था पहले से 10 गुना बेहतर है। मरीज जिस प्रकार के आरोप लगा रहा है वह बिल्कुल झूठे हैं।

इस पूरे मामले की पड़ताल की गई तो अधिकारियों की बात में काफी हद तक सच्चाई भी दिखाई दी जिस लड़के ने वीडियो में आरोप लगाकर मेडिकल कॉलेज और प्रशासन को कटघरे में खड़ा किया है वह इस बात का भी जिक्र कर रहा है कि इस वीडियो को फॉरवर्ड किया जाए। इसके अलावा वह भी कह रहा है कि उसे इंदौर जाना है इंदौर रेफर नहीं किया जा रहा है । मेडिकल कॉलेज में स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर भले ही आरोपों में सच्चाई हो सकती है लेकिन फिलहाल भोजन और रखरखाव में काफी हद तक आरोप गलत दिखाई दे रहे हैं ।

मंगलवार को जो 25 मरीज डिस्चार्ज हुए हैं उनसे बात की गई तो उन्होंने कहा कि भोजन की व्यवस्था सुधर गई है। अपर कलेक्टर सुजान सिंह रावत के आने के बाद से उपचार भी बेहतर हो गया है । जब उनसे लड़के द्वारा लगाए जा रहे आरोपों के बारे में पूछा तो उन्होंने भी कहा कि सारे आरोप झूठे और गलत है। 

इस पूरे घटनाक्रम से यह तर्क निकल रहा है कि वर्तमान समय में सोशल मीडिया का उपयोग भी सोच समझकर किया जाना चाहिए । छोटी सी गलत जानकारी की अफवाह फैल जाने के बाद कई लोगों को नुकसान भी हो सकता है। 

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