..इसलिए टूटी होटल प्रेसीडेंट

उज्जैन। हरी फाटक क्षेत्र में स्थित होटल प्रेसिडेंट को तोड़ने के पीछे बड़ा ही रोचक कारण सामने आ रहा है।  नगर निगम आयुक्त डॉ विजय कुमार जे उज्जैन चर्चा से बातचीत के दौरान बताया कि होटल प्रेसिडेंट जिस स्थान पर बनाई गई थी उस स्थान का नक्शा ही पास नहीं करवाएगा बल्कि दूसरे स्थान पर अनुमति ली गई थी। 

निगमायुक्त के मुताबिक इतनी बड़ी होटल बनाने के बावजूद नगर निगम से व अन्य किसी शासकीय विभाग से कोई अनुमति नहीं ली गई थी। इसी वजह से होटल को अवैध घोषित करते हुए पूर्व में नोटिस सहित अन्य कार्यवाही की गई । होटल संचालक ने पूरे मामले को लेकर माननीय न्यायालय की शरण ली । जहां से होटल को स्टे दे दिया गया जैसे ही होटल के मामले में सुनवाई आगे बढ़ी और स्टे वकेंड कर दिया गया।  वैसे ही नगर निगम ने अपनी रणनीति बनाना शुरु कर दी थी।  आज सुबह होटल प्रेसिडेंट पर नगर निगम की 10 JCB और पौकलेंड  मशीन के साथ साथ अधिकारियों की टीम ने कार्यवाही शुरु की । इस दौरान अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक मनीष खत्री, सीएसपी मलकीत सिंह सहित अन्य पुलिस अधिकारियों भारी पुलिस बल मौके पर तैनात था ।होटल प्रेसिडेंट में 3 सितारा सुविधाएं मुहैया कराई जा रही थी।  यह उज्जैन की सबसे बड़ी अवैध निर्माण को लेकर की गई कार्रवाई है। नगर निगम की ओर से कार्रवाई करने वाले दल का नेतृत्व करने वाले अपार आयुक्त रविंद्र जैन ने बताया कि होटल लगभग 40000 वर्ग फीट पर जी प्लस टू की श्रेणी का निर्माण किया गया था। होटल को बहाने की कार्रवाई शुरू होने के बाद कुछ लोगों ने इसका विरोध भी किया लेकिन भारी पुलिस बल होने की वजह से कार्रवाई बाधित नहीं हो पाई। ऐसा माना जा रहा है कि आज होटल को पूरी तरह बहा दिया जाएगा और अवैध निर्माण को लेकर नगर निगम सबसे बड़ी कार्रवाई का प्रमाण भी सबके सामने रख देगा।

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