रेमडेसिविर: उज्जैन में चल रहा था 100% का मुनाफे का गौरखधंधा..

उज्जैन।  शिवराज सरकार और प्रशासनिक अधिकारियों की लाख फटकार के बाद भी रेमदेसीविर इंजेक्शन को लेकर किस प्रकार से मुनाफाखोरी हो रही है , इसका एक उदाहरण उज्जैन में भी देखने को मिला है। हालांकि ड्रग इंस्पेक्टर डी एस कुशवाह के फटकार लगाए जाने के बाद अब मरीजों को उनके द्वारा दी गई अधिक राशि वापस करने का आश्वासन मिल गया है। 

उज्जैन में इंदौर रोड पर स्थित एक निजी अस्पताल में भर्ती कोविड मरीजों को शुक्रवार की रात ₹3000 प्रति इंजेक्शन के रेट से रेमदेसीविर इंजेक्शन दिए गए। उक्त इंजेक्शन पर ₹899 का प्रिंट लिखा हुआ था। जिला प्रशासन द्वारा वर्तमान में 1568 रूपए लेकर यह इंजेक्शन दिया जा रहा है,  ऐसी जानकारी ड्रग इंस्पेक्टर डीएस कुशवाह द्वारा दी गई है । पूरे मामले में कुछ लोगों की शिकायत सामने आई। अस्पताल में भर्ती लोगों के परिजनों ने बताया कि उन्हें ₹3000 देकर इंजेक्शन थमाए गए हैं । इस पूरे मामले में महेश नामक व्यक्ति का नाम सामने आया। जब महेश से मरीज परिवारजनों ने पूछा कि अधिक राशि क्यों ली जा रही है ? तो उसने कुछ अधिकारियों के नाम बताते हुए उनके निर्देश होने की बात बोल दी । अस्पताल में भर्ती वंदना साहू के परिजन रोहित साहू ने बताया कि उन्होंने कल रात 2 इंजेक्शन लिए थे। उनसे ₹6000 लिए गए रोहित साहू ने बताया कि उनकी मम्मी निजी अस्पताल में भर्ती है। 

इसके बाद पूरा मामला ड्रग इंस्पेक्टर डीएस कुशवाह के पास पहुंचा। श्री कुशवाह ने तत्काल लताड़ लगाते हुए महेश नामक मेडिकल  व्यापारी को तुुरंत  निर्देश दिए कि सभी लोगों को 500- ₹500 वापस लौटाए । इंजेक्शन 2500 रुपए से अधिक कीमत लेकर नहीं दिया जाना चाहिए । पूरे मामले में उज्जैन कलेक्टर आशीष सिंह ने कहा है कि यदि कोई रेमदेसीविर इंजेक्शन की कालाबाजारी या अन्य किसी मामले में दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत कार्रवाई की जाएगी। अगर रेमडेसिविर इंजेक्शन के मुनाफे की बात की जाए तो 1568 रूपए की रेडक्रास की रसीद से लिया गया इंजेक्शन ₹3000 में बेचकर 100% का मुनाफा कमाया जा रहा है, यह गरीबों के लिए बेहद चिंताजनक है। 

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