उज्जैन। उज्जैन में आरक्षण के खिलाफ स्वर्ण और पिछड़ों ने ऐतिहासिक प्रदर्शन कर चुनावी साल में सरकार की नींद उड़ा दी है। प्रदर्शन के दौरान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के पोस्टर पर लाठियां बरसाई गई। पुलिस ने पूरी मुस्तैदी के साथ स्थिति को संभाला। पुलिस अगर मौके पर नहीं होती तो लोगों का आक्रोश संभालना मुश्किल हो जाता ।
उज्जैन में नानाखेड़ा पर स्वर्ण, पिछड़ी जाति, करणी सेना, सपाक्स और अल्पसंख्यक वर्ग के लोगों ने एट्रोसिटी एक्ट का ऐतिहासिक विरोध किया। आंदोलनकारी आर्थिक आधार पर आरक्षण की मांग उठा रहे हैं । इसके अलावा प्रदर्शनकारी यह मांग भी उठा रहे हैं कि एट्रोसिटी एक्ट वापस लिया जाना चाहिए । इस दौरान युवाओं की संख्या से उज्जैन की सड़के छोटी पड़ गई । यह उज्जैन के इतिहास में पहला इतना बड़ा प्रदर्शन है जिसमें बड़ी संख्या में लोगों ने हिस्सा लिया। प्रदर्शनकारियों की रैली भी ऐतिहासिक होकर इतिहास के पन्नों में दर्ज हो गई है ।राजपूत करणी सेना के प्रदर्शनकारियों ने स्पष्ट रूप से कहा है कि अभी तो ट्रेलर है, अभी फिल्म पूरी बाकी है। ऐसी स्थिति में आने वाले समय में प्रदर्शनकारी राजधानी भोपाल सहित अन्य स्थानों पर भी ताकत दिखा सकते हैं। इस आंदोलन में सपाक्स सहित अन्य संगठनों ने भी बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया है। उज्जैन में रैली का जोरदार स्वागत किया गया । टावर चौक पर प्रदर्शनकारियों ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के पोस्टर पर लाठियां चलाई । इस दौरान माधव नगर पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को रोका । हालांकि प्रदर्शनकारियों ने कुछ और नेताओं के भी पोस्टर फाड़ दिए, जो भारतीय जनता पार्टी से जुड़े हुए थे । इनमें भारतीय जनता पार्टी की प्रदेश स्तरीय राजनीति करने वाले एक राजपूत नेता भी शामिल है । उनका पोस्टर भी टावर फाड़ दिया गया। हालांकि प्रदर्शनकारियों ने कांग्रेस के खिलाफ भी बयानबाजी की लेकिन उनका ज्यादा आक्रोश सत्तारूढ़ पार्टी की तरफ देखा गया।