बांग्लादेश का तोहफा, भारत के लिए खोला बंदरगाह

बांग्लादेश ने भारत को बड़ा तोहफा दिया है. सोमवार को बांग्लादेश की कैबिनेट ने यह फैसला लिया कि भारत अब वहां के दो प्रमुख बंदरगाह-चिटगांव और मोंगला का उपयोग कर सकेगा.

कैबिनेट सचिव मोहम्मद शफिउल ने फैसले के बारे में मीडिया को जानकारी देते हुए कहा, प्रस्तावित मसौदे के मुताबिक यह करार 5 साल के लिए है जिसे और 5 साल के लिए दोहराया जा सकता है. इस करार को खत्म करने के लिए दोनों में से किसी एक पक्ष को 6 महीने का नोटिस देना होगा.

इस करार के बाद भारत अब बांग्लादेशी बंदरगाहों का उपयोग कर देश के उत्तर-पूर्वी राज्यों में काफी कम समय में माल सप्लाई कर सकेगा. हालांकि बांग्लादेश की सरकार ने भारत से कहा है कि यह सुविधा पाने के लिए उसे जनरल एग्रीमेंट ऑन टैरिफ एंड ट्रेड (गैट) के वैश्विक नियमों को मानना होगा. साथ ही माल सप्लाई के लिए बांग्लादेशी कानूनों का भी पालन करना होगा.

यह करार होने के बाद बांग्लादेश के कर अधिकारी भारतीय कंपनियों से ड्यूटी और टैक्स के लिए बॉन्ड लेंगे, जबकि शुल्क और ढुलाई की रकम के लिए गैट नियमों का पालन करना होगा. जहाजों के आने-जाने के लिए चार रूट प्रस्तावित किए गए हैं, जो इस प्रकार हैं-चिटगांव/मंगला पोर्ट-अगरतला वाया अखौरा. चिटगांव/मोंगला पोर्ट-दौकी भाया तमाबिल. चिटगांव/मोंगला पोर्ट-सुतरकंडी वाया श्योला और चिटगांव/मोंगला पोर्ट-बिबेकबाजार वाया सिमंतपुर.

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