तराना जेल में गड़बड़ी, एक निलंबित

उज्जैन। उज्जैन जिले के तराना जेल में गड़बड़ी की शिकायत भोपाल तक पहुंचने के बाद जांच शुरू हो गई है इस मामले में एक सिपाही को सस्पेंड किया गया है । हालांकि तराना जेल के अधिकारियों पर भी उंगलियां उठ रही है। तराना जेल में पहले लोकायुक्त पुलिस कार्रवाई करते हुए एक अधिकारी को रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ चुकी है।

उज्जैन से कुछ ही किलोमीटर दूर स्थित तराना में जेल को लेकर भोपाल तक शिकायत पहुंची है। कुछ बंदियों के परिजनों ने जेल मंत्री बाला बच्चन से मामले की शिकायत की है । तराना के रहने वाले प्रशांत नामक युवक ने आरोप लगाया है कि जेलर द्वारा बंदियों के साथ अमानवीय व्यवहार किया जा रहा है, इतना ही नहीं जब वह स्वयं जेल में था तो उससे रुपयों की मांग भी की गई थी। रुपए नहीं देने की स्थिति में जेल स्थानांतरण की धमकी दी गई थी। प्रशांत ने तराना जेल के जेलर पर गंभीर आरोप लगाया है। इसके अलावा और भी कुछ गड़बड़ियों को लेकर शिकायत हुई है। पूरे मामले को गंभीरता से लेते हुए जेल अधीक्षक अलका सोनकर ने निष्पक्ष जांच शुरू कर दी है । उनके द्वारा जेल का निरीक्षण भी किया गया है। इस मामले में एक सिपाही को सस्पेंड कर दिया गया है ।

जेल विभाग के आधिकारिक सूत्रों का कहना है कि जेल में वर्षों से पदस्थ कुछ कर्मचारियों द्वारा गड़बड़ी की जा रही थी। जेल के अधिकारी द्वारा नियमों का सख्ती से पालन कराया जा रहा था जिसकी वजह से उनकी झूठी शिकायत करवाई गई। हालांकि शिकायत को लेकर सच और झूठ का फैसला होना बाकी है, मगर पूरा प्रकरण भोपाल तक पहुंच जाने की वजह से तराना जेल सुर्खियों में आ गई है। गौरतलब है कि कुछ माह पूर्व तराना जेल में एक जेल अधिकारी रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ पकड़ा भी जा चुका है इसलिए आरोपों को लेकर गंभीरता से जांच की जाना भी आवश्यक है।

20 की जगह 80 बंदी..

तराना जेल में केवल एक ही बेरीक है और यहां पर 20 बंदियों के रहने की सुविधा है, जबकि वर्तमान में 80 बंदी रह रहे हैं। ऐसी स्थिति में असुविधा होना सामान्य बात है ।जेल अधिकारियों का कहना है कि आने वाले दिनों में कुछ बंदियों को उज्जैन स्थानांतरित करवाया जाएगा। बताया जाता है कि तराना जेल में कम बंदी होने की वजह से अच्छी सुविधाएं मिल जाती है इसलिए तराना जेल में रहने के लिए बंदियों में हमेशा और जोड़ मची रहती है।

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