आसमान छू लिया लेकिन जमीन नहीं छोड़ी महेश परमार ने..

उज्जैन। सत्ता का नशा तो सिर चढ़कर बोलता है.. वर्तमान समय में जब पार्षद भी खुद को मंत्री से कम नहीं समझते हैं तो ऐसे में उज्जैन जिले के तराना के विधायक महेश परमार की सादगी सभी को कायल कर देती है.. किसान परिवार और गरीबी से उठकर आसमान तक की ऊंचाइयां छूने वाले महेश परमार ने आज भी जमीन नहीं छोड़ी है.. यही वजह है कि विधायक महेश परमार कम समय में सबसे अधिक लोकप्रिय विधायकों मेंं शामिल हैं।

यह तस्वीर देखकर हर कोई अंदाजा लगा लेगा कि रिकॉर्ड तोड़ बारिश की वजह से किसान बेहद चिंतित है । सोयाबीन की फसल पूरी तरह नष्ट हो चुकी है और 2 किसान भगवान की शरण में बैठे हुए हैं । किसानों के बगल में मंदिर भी दिखाई दे रहा है । यह विचार ऐसे लोगों के जेहन में आएंगे जो तराना के विधायक महेश परमार को नहीं जानते हैं। दरअसल किसान के समीप सफेद कुर्ते पजामे में बैठे युवा विधायक महेश परमार कभी भी जमीन नहीं छोड़ते हैं। यही वजह है कि उन्होंने राजनीति में कदम रखने के बाद कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा । युवा विधायक महेश परमार ने छात्र जीवन से राजनीति की शुरुआत की थी। उज्जैन के माधव कॉलेज में उच्च शिक्षा प्राप्त करने के दौरान वे राजनीति में काफी सरकारी रहे । वे कॉलेज राजनीति में कई महत्वपूर्ण पद हासिल करने के बाद जब ग्रामीण क्षेत्र की राजनीति में उतरे तो उन्होंने जिला पंचायत सदस्य के रूप में सफलता अर्जित की। इसके बाद जिला पंचायत अध्यक्ष के रूप में महेश परमार के पास राज्यमंत्री का दर्जा रहा । इस दौरान लगातार ग्रामीण क्षेत्र में अपनी गहरी पकड़ और लोकप्रियता बनाने में वे जुटे रहे । इसका लाभ उन्हें विधानसभा चुनाव में मिला । मुख्यमंत्री कमलनाथ ने जनदर्शन यात्रा की शुरुआत तराना से की। इस दौरान महेश परमार ने ऐतिहासिक भीड़ जुटाकर अपनी ताकत दिखा दी ।विधायक महेश परमार आज भी जमीन से जुड़े हुए हैं । जब भी वे ग्रामीण क्षेत्र में भ्रमण पर जाते हैं तो उन्हें ऐसा दुलार मिलता है जैसे गांव का बेटा घर आ गया हो। वैसे विधायक महेश परमार घटिया विधानसभा के निवासी है लेकिन काफी कम समय में तराना विधानसभा में महेश परमार की पकड़ एक मजे हुए नेता की पकड़ से कम नहीं है।

राजनीति करना और पार्टी के टिकट पर चुनाव जीतना भले ही ज्यादा मुश्किल काम न हो लेकिन चुनाव जीतने के बाद जनता के साथ सड़क पर टाट के ऊपर बैठना बड़ी बात है। ऐसी तस्वीर शायद ही ग्रामीण क्षेत्रों में देखने को मिलती है । विधायक महेश परमार जब भी ग्रामीण क्षेत्रों में किसी आयोजन में शामिल होने पहुंचते हैं तो वे खुद भी हाथ बटाने में पीछे नहीं हटते हैं। उनकी सादगी, सरलता के कारण बच्चे से लेकर बुजुर्गों में भी उनकी खासी चर्चा रहती है।

 

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