उज्जैन। भगवान महाकाल की नगरी उज्जैन में सेवा देने के लिए हर अफसर ललाहीत रहते है लेकिन राजाधिराज महाकाल जिसे सेवा का अवसर देते हैं, वही यहां पदस्थ होता है। एक बात और जानने लायक है कि भगवान महाकाल की नगरी उज्जैन में जो भी अफसर निस्वार्थ होकर सेवा कार्य करते हैं , वह उज्जैन से पदोन्नति लेकर ही रवाना होते हैं । उज्जैन शहर के विकास की रीढ़ माने जाने वाले नगर निगम को एक बार फिर आयुक्त की तलाश है जबकि उज्जैन की जनता को एक परिचित चेहरे की आस है जो उज्जैन को भली भांति जानता हो और यहां के विकास कार्यों को आगे बढ़ा सके। ऐसा चेहरा जो सरकार और जनप्रतिनिधियों के साथ साथ आम लोगों के बीच नगर निगम के विकास कार्यों को लेकर सहयोग प्राप्त कर सकें।
उज्जैन नगर निगम आयुक्त के पद पर सफलतापूर्वक कार्य करने वाली आईएएस अधिकारी प्रतिभा पाल को यहां निस्वार्थ सेवा कार्य और निष्पक्षता के कारण राजाधिराज महाकाल का आशीर्वाद प्राप्त हुआ और उन्हें श्योपुर कलेक्टर के रूप में पदभार संभालने का मौका मिला है। उनके उज्जैन से रवाना होने के बाद यहां आयुक्त पद खाली हो गया है। नगर निगम आयुक्त पद को लेकर कई अटकलें चल रही है। गौरतलब है कि आने वाले समय में नगर पालिका निगम के चुनाव भी होना है। ऐसे में नगर निगम आयुक्त की जिम्मेदारी और भी अधिक बढ़ जाती है। एक तरफ जहां कांग्रेस की प्रदेश में सरकार है, वही नगर पालिका निगम पर भारतीय जनता पार्टी का कब्जा है । ऐसे में नगर निगम आयुक्त के पद पर कार्य करना आसान और सहज कार्य नहीं है।
एक तरफ जहां शहर के विकास को लेकर सरकार ने जो वादे किए हैं, उसे शहरी क्षेत्र में नगर निगम के माध्यम से ही पूरा किया जा सकता है । इसके अलावा आने वाले चुनावों को देखते हुए भी नगर निगम आयुक्त की भूमिका को नकारा नहीं जा सकता है। इन सबके बीच स्मार्ट सिटी के कार्य और आम लोगों की छोटी-छोटी परेशानियों के अलावा नगर निगम में फैले भ्रष्टाचार को खत्म करना भी बड़ी जिम्मेदारी रहती है। उज्जैन में सरकार ने सिंहस्थ महापर्व के दौरान भी करोड़ों रुपए खर्च किए हैं। इन कार्यों की देखरेख करना भी नगर निगम की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी है ।
शहर के लोगों को उम्मीद है कि इस बार सीधे आईएएस बने अफसर की तुलना में प्रमोटीव अफसर को नगर निगम आयुक्त बनाकर भेजा जाना चाहिए। इन सबके बीच देवास में सेवाएं दे रहे आईएएस अफसर नरेंद्र कुमार सूर्यवंशी का नाम सबसे ऊपर आ रहा है । श्री सूर्यवंशी उज्जैन में एसडीएम के पद पर अपनी सेवाएं दे चुके हैं। श्री सूर्यवंशी ने उज्जैन में लंबे समय तक सेवाएं दी है । उज्जैन शहर ही नहीं बल्कि देहात के क्षेत्रों में भी उन्होंने कार्य किया है। श्री सूर्यवंशी ने उज्जैन एसडीएम के साथ-साथ महिदपुर एसडीएम सहित अन्य पदों पर उज्जैन में सेवा देकर अपनी कार्यक्षमता मेहनत और कर्तव्यनिष्ठा का परिचय दिया है, इतना ही नहीं उज्जैन में एडीएम के पद पर भी निर्विवाद रूप से उन्होंने सफलतापूर्वक सेवाएं दी।
श्री सूर्यवंशी इतने सहज अधिकारी है कि कभी उन्होंने उन्हें अपने पद का कोई भी गुमान नहीं रहा है । ऐसी स्थिति में शहर के लोग भी चाहते हैं कि श्री सूर्यवंशी को सेवा का अवसर दिया जाना चाहिए। उज्जैन शहर के विकास के लिए भी यह काफी उचित सिद्ध हो सकता है । हालांकि इस मामले को लेकर जब श्री सूर्यवंशी से चर्चा की गई तो उन्होंने कहा कि जहां भी सेवा का अवसर मिलेगा, वे पूरी मेहनत और लगन के साथ सेवाएं देंगे। उन्होंने यह भी कहा कि राजाधिराज महाकाल की इच्छा होगी तो कोई भी अधिकारी इनकार नहीं कर सकता है। उन्होंने स्पष्ट रूप से मंशा जाहिर करने की वजह सरकार और शासन में बैठे उच्च अधिकारियों के निर्देश का पालन करने की बात कही है।