उज्जैन। उज्जैन की झिंझर से मध्य प्रदेश के सियासत गरमा गई है.. राजनेताओं को पीड़ित परिवार से कोई लेना देना नहीं है लेकिन सियासत करने वाले सक्रिय हो गए हैं.. दूसरी तरफ उज्जैन का जिला प्रशासन और पुलिस महकमा ऐतिहासिक कार्रवाई करने जा रहा है।
धार्मिक नगरी उज्जैन में झिंझर के कारण बुधवार शुरू से सुबह से शुरू हुआ मौत का तांडव गुरुवार शाम तक चलता रहा.. झिंझर के कारण 14 लोग काल के ग्रास में समा गए.. थकान उतारने का नशा मौत का नशा बन कर सामने आया.. सबसे बड़ी बात तो यह है कि झिंझर के मामले में सियासत गरमा गई है.. मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने एसआईटी गठित कर दी है.. वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस जमकर आरोप लगा रही है.. यह बात अलग है कि एक भी नेता पीड़ित परिवार के किसी भी सदस्य से मिलने नहीं गया। बताया जाता है कि कुछ नेताओं द्वारा पीड़ित लोगों को मुआवजा देने की मांग उठाई जा रही है मगर आरोप-प्रत्यारोप के बीच मुआवजे की आवाज दब गई है ।
दूसरी तरफ उज्जैन कलेक्टर आशीष सिंह दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने जा रहे हैं। बताया जा रहा है कि आरोपियों के खिलाफ रासुका के तहत कार्रवाई की जाएगी। इसके अलावा पुलिस अधीक्षक मनोज कुमार सिंह ने भी खारा कुआं थाना प्रभारी सहित कुछ जिम्मेदार लोगों को निलंबित कर दिया है। इसके अलावा पुलिस द्वारा लगातार छापामार कार्रवाई की जा रही है। उज्जैन के अलावा जावरा, अजमेर तक पुलिस टीम भेजी गई है। पुलिस सूत्रों की मानें तो दोषियों पर जल्द ही इनाम भी घोषित हो सकता है।
पुलिस महानिरीक्षक राकेश कुमार गुप्ता ने भी पूरे मामले को गंभीरता से लिया और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के आदेश दिए हैं। इन सबके बीच उपचुनाव को देखते हुए राजनीतिक सरगर्मियां तेज हो गई है। सबसे बड़ी बात यह है कि नशे को लेकर उज्जैन में इतनी बड़ी त्रासदी पहले कभी नहीं हुई। यही वजह है कि पुलिस और प्रशासन इतनी बड़ी कार्रवाई करने जा रहा है जितनी बड़ी पहले कभी नहीं हुई । अधिकारियों द्वारा यह भी संकेत दिए जा रहे हैं कि अब शायद ही मौत का आंकड़ा और बढे। उन्होंने बताया कि अभी सभी की पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने का इंतजार किया जा रहा है।
दूसरी तरफ पीएम करने वाले डाक्टर जितेंद्र शर्मा के मुताबिक मृतकों के शरीर में अल्कोहल की मात्रा पाई गई है। ऐसी स्थिति में जहरीली शराब की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता है। एडीएम नरेंद्र सूर्यवंशी ने दवा बाजार में एक दुकान को भी सील किया है । जिला प्रशासन द्वारा आने वाले समय में भी अभियान जारी रखने के संकेत दिए जा रहे हैं । दूसरी तरफ पुलिस शराब माफियाओं पर कहर बनकर टूट गई है। यह बात अलग है कि 14 श्रमिकों की जान बचाई नहीं जा सकी, मगर आगे से ऐसी घटना नहीं हो, इसके लिए पुलिस महकमा कार्रवाई कर रहा है । सूत्रों के मुताबिक आबकारी विभाग भी सक्रिय नजर आ रहा है हालांकि उप चुनाव को देखते हुए आने वाले कई दिनों तक 14 लोगों की मौत सियासी मंच से गुंजायमान होना तय मानी जा रही है।