उज्जैन। उज्जैन के चर्चित बलात्कार कांड में अपने साथी पुलिसकर्मी को बचाने गए दो अन्य पुलिसकर्मी सहित तीन लोग और फंस गए हैं। तीनों आरोपियों को नीलगंगा पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है । आरोपियों को आज न्यायालय में पेश किया जाएगा। उज्जैन एसपी सत्येंद्र कुमार शुक्ल और एडिशनल एसपी अमरेंद्र सिंह चौहान का जोरदार न्याय देखकर जमकर तारीफ हो रही है।
उज्जैन के नीलगंगा थाना क्षेत्र में आरक्षक अजय के खिलाफ एक युवती ने दुष्कर्म का मामला दर्ज कराया था। इस पूरे मामले में पुलिस ने अजय को गिरफ्तार करते हुए मेडिकल परीक्षण के लिए अस्पताल पहुंचाया । यहां साक्ष्य के रूप में आरक्षक का मेडिकल परीक्षण होना था। इस प्रक्रिया को प्रभावित करने के लिए पुलिस लाइन के दो सिपाही और एक अन्य व्यक्ति अस्पताल पहुंच गए। जब मेडिकल टेस्ट किया जा रहा था उस समय तीनों लोगों ने ब्लड और अन्य टेस्ट कराने के दौरान अजय की जगह खुद का ब्लड देने की कोशिश की। यह देखकर नीलगंगा थाने के पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों ने बड़े अधिकारियों को फोन लगा दिया। यह पूरा मामला पुलिस अधीक्षक सत्येंद्र कुमार शुक्ल के पास पहुंच गया। पुलिस अधीक्षक सत्येंद्र कुमार शुक्ल ने अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अमरेंद्र सिंह चौहान को निष्पक्ष कार्रवाई करने के निर्देश जारी किए। इसके बाद तीनों लोगों के खिलाफ प्रकरण दर्ज कर लिया गया है । पुलिस अधिकारियों के मुताबिक आरोपियों को सोमवार को न्यायालय में पेश किया जाएगा। इस प्रकार एक पुलिसकर्मी को बचाने गए तीन लोग और हवालात की हवा खा रहे हैं। इनमें 2 पुलिसकर्मी भी शामिल है। पुलिस विभाग के सूत्रों के मुताबिक आरोपियों के नाम आरक्षक तबरेज, घनश्याम और एक अन्य आरोपी बलराम है जो कि आरक्षक अजय का रिश्तेदार है।
पुलिस ने राउंडअप किया तो हवाइयां उड़ गई
उज्जैन के जिला अस्पताल में तीनों आरोपी अजय के स्पर्म और ब्लड टेस्ट को प्रभावित करने के लिए गए थे लेकिन जब वास्तविकता का पता चल गया तो आला अधिकारियों के निर्देश पर तीनों को राउंडअप कर लिया गया। जैसे ही पुलिसकर्मियों को राउंडअप किया गया उनकी हवाइयां उड़ गई। पुलिस अधिकारियों के मुताबिक साक्षी प्रभावित करने में तीनों आरोपी सफल भी नहीं हो पाए थे।