उज्जैन के ड्राइवर और कंडक्टर बेचने निकले थे 7 करोड़ का अमेरिका नोट

इंदौर/ उज्जैन। उज्जैन के ड्राइवर और कंडक्टर सात करोड़ का अमेरिकन नोट बेचने के लिए निकले थे। यह बात अलग है कि उन्हें कोई आसामी नहीं मिला बल्कि वे पुलिस वाले को ही नोट बेचने के लिए पहुंच गए । इंदौर स्पेशल टास्क फोर्स के जवान की मदद से इस गिरोह का पर्दाफाश हुआ है।

एसटीएफ एसपी मनीष खत्री ने बताया कि यह सूचना मिली थी कि दक्षिण भारत की तरह इंदौर और उज्जैन में भी एक ऐसा गिरोह सक्रिय है जो एक मिलियन का अमेरिकन नोट बेचने के लिए घूम रहा है। इसी सूचना के आधार पर पुलिस ने जाल बिछाकर सांवेर रोड स्थित ढाबे से 4 लोगों को गिरफ्तार किया है। आरोपियों के कब्जे से नकली अमेरिकन नोट बरामद किया गया है। सबसे बड़ी बात तो यह है कि सभी चारों जालसाज ड्राइवर और कंडक्टर है। उन्होंने यह कहानी बनाई थी कि उन्हें सिंहस्थ मेले के दौरान अमेरिका नोट मिला है,  जबकि अमेरिका में $100 से बड़ा नोट नहीं होता है। अगर जालसाज ओं की मानें तो उनके पास एक मिलियन का नोट था। इस नोट की बाजार में कीमत 7 करोड़ से ज्यादा है ।आरोपियों द्वारा पुलिस वाले को यह नोट ₹500000 में बेचने की कोशिश की गई । पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार करने के बाद न्यायालय में पेश किया, जहां से चारों आरोपियों का चार दिन का पुलिस रिमांड मिला है। आरोपियों के नाम शेरू खान निवासी उज्जैन, तरुण परमार निवासी नीलगंगा उज्जैन, नईम देहलवी निवासी उज्जैन, मोहम्मद गुलफाम निवासी शुजालपुर है। आरोपियों से पूछताछ के दौरान यह भी पता लगाया जा रहा है कि वह नोट कहां से लाए थे और किसने इस नोट को प्रिंट किया था।

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