उज्जैन। कोरोना काल के दौरान लॉकडाउन एक ऐसा शब्द है जो व्यापारी ही नहीं बल्कि आम लोगों के बीच भी काफी भय पैदा कर चुका है । जैसे ही कोरोना के आंकड़े बढ़ते हैं वैसे ही लोगों में लॉक डाउन का भय भी बढ़ता जाता है । उज्जैन कलेक्टर आशीष सिंह ने लॉकडाउन को लेकर बड़ी बात कही है। देखिए पूरी खबर।
उज्जैन में कोरोना को लेकर भले ही मृत्यु दर का आंकड़ा कम हो गया है लेकिन कोरोना का लेकर अभी भी लोगों के बीच डर उतना ही ज्यादा है। उज्जैन कलेक्टर आशीष सिंह ने जब उज्जैन में जिले की कमान संभाली थी उस समय मृत्यु दर आंकड़ा 25 फ़ीसदी तक पहुंच गया था। ऐसी स्थिति में उज्जैन में चारों तरफ भय और दहशत का माहौल था।
अब एक बार फिर करो ना कि दूसरे लहर के साथ पॉजिटिव मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। ऐसे में जन चर्चा है कि lock-down भी लग सकता है। “उज्जैन चर्चा ” से बातचीत के दौरान कलेक्टर आशीष सिंह ने स्पष्ट रूप से कहा है कि कोरोना बीमारी का अंतिम विकल्प लाॅक डाउन है लेकिन वर्तमान में ऐसी कोई स्थिति नहीं है जिसकी वजह से लॉकडाउन जैसा कदम उठाए जा सके । उन्होंने यह भी कहा कि आम लोगों को सतर्कता बरतने की जरूरत है। लोग अगर चाहते हैं कि लॉकडाउन जैसा कदम नहीं उठाया जाए तो इसके लिए सभी को प्रयास करना पड़ेगा। आम लोगों को सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना पड़ेगा । इसके साथ मास्क और सैनिटाइजर का उपयोग भी जरूरी है।
उज्जैन कलेक्टर आशीष सिंह के मुताबिक वर्तमान में आंकड़े बहुत ज्यादा नहीं है लेकिन आंकड़े बढ़ने की रफ्तार धीरे-धीरे बढ़ती हुई नजर आ रही है जिसकी वजह से अभी से सतर्कता बरतना काफी जरूरी है। उन्होंने यह भी कहा है कि सब से राहत देने वाली बात यह है कोरोनावायरस ओं की मृत्यु दर का आंकड़ा अपने निम्न स्तर पर है । इसके बावजूद लोगों को सतर्क रहने की आवश्यकता है।
उज्जैन जिला प्रशासन उठा रहा है यह कदम
– लोगों को प्रतिदिन रोको टोको अभियान के तहत समझाईश दी जा रही है।
-उज्जैन कलेक्टर आशीष सिंह और पुलिस अधीक्षक सत्येंद्र कुमार शुक्ला के नेतृत्व में पुलिस महकमे द्वारा निशुल्क मास्क वितरित किए जा रहे हैं ।
– जो लोग समझाने के बावजूद मास्क नहीं पहन रहे हैं उन्हें अस्थाई जेल में रखा जा रहा है।
– शहर में प्रतिदिन सभी विभागों के अधिकारियों के माध्यम से आर्थिक दंड भी किए जा रहे हैं ।
– आईएएस अधिकारी नरेंद्र सूर्यवंशी सहित अन्य अधिकारी खुद सोशल डिस्टेंसिंग के लिए गोल निशान बना रहे हैं।
– शहर के दुकानदारों को विशेष रूप से समझाइश दी जा रही है।
– शहर में बड़े आयोजनों पर रोक लगा दी गई है।
– उज्जैन में जिला प्रशासन ने 30 अप्रैल तक जनसुनवाई पर भी रोक लगा दी है।