U-19 टीम में खेला ये इंडियन, बांग्लादेशी प्लेयर के लिए किया ट्रांसलेटर का काम

स्पोर्ट्स डेस्क. यंग क्रिकेटर और IPL में सनराइजर्स हैदराबाद टीम में शामिल रिकी भुई शुक्रवार को अपना 21वां बर्थडे सेलिब्रेट करेंगे। रिकी इंडिया के उभरते क्रिकेटर हैं और भारत की अंडर-19 टीम के मेंबर रहते हुए वर्ल्ड कप में भी खेल चुके हैं। वे राइट हैंडेड बैट्समैन होने के अलावा पार्ट टाइम लेग स्पिनर भी हैं और फिलहाल आंध्र प्रदेश की रणजी टीम में शामिल हैं।
– रिकी भारत की ओर से साल 2014 और 2016 में हुए अंडर-19 क्रिकेट वर्ल्ड कप में खेल चुके हैं। इसके अलावा वे आंध्र प्रदेश की अंडर-19 टीम के प्लेयर भी रहे हैं। फिलहाल वे आंध्र की रणजी टीम के मेंबर हैं और अबतक रणजी में दो सेन्चुरी भी लगा चुके हैं।
– रिकी भुई ने साल 2013 में अपने अंडर-19 करियर की शुरुआती नौ इनिंग्स में से सात मैचों में 30+ स्कोर बनाया था, जिसमें तीन हाफ सेन्चुरी भी शामिल हैं।
– अपने लिस्ट ‘ए’ डेब्यू के दौरान रिकी भुई ने विजय हजारे ट्रॉफी में 79 बॉल पर 103 रन की इनिंग खेली थी। इसके बाद टी-20 डेब्यू में भी उन्होंने फिफ्टी लगाई थी।
– साल 2013 में ही सिर्फ 17 साल की उम्र में उनका सिलेक्शन आंध्र प्रदेश की रणजी टीम के लिए हो गया था।
– रिकी भुई ने अपने फर्स्ट क्लास क्रिकेट करियर में 17 मैचों में 807 रन बनाए हैं और 3 विकेट लिए हैं। वहीं लिस्ट ए करियर में उन्होंने 13 मैच खेलकर 399 रन बनाए हैं। टी-20 करियर में उन्होंने 22 मैच खेलकर 372 रन बनाए हैं।
– रिकी भुई का जन्म 29 सितंबर 1996 को भोपाल में हुआ था। दिसंबर 2013 में अंडर-19 एशिया कप में भुई ने पाकिस्तान के खिलाफ 64 रन की इनिंग खेली थी। हालांकि इसके बाद भी टीम वो मैच 2 विकेट से हार गई थी।
बांग्लादेशी प्लेयर के लिए बना ट्रांसलेटर
 – 2014 के IPL ऑक्शन में भुई को सनराइजर्स हैदराबाद की टीम ने 10 लाख रुपए में खरीदा था। हालांकि अब तक उन्हें IPL में डेब्यू का मौका नहीं मिला, लेकिन फिर भी घरेलू क्रिकेट में उनकी परफॉर्मेंस को देखते हुए टीम ने उन्हें रिटेन कर रखा है।
– बांग्लादेशी स्टार बॉलर मुस्तफिजुर रहमान भी IPL में सनराइजर्स हैदराबाद की टीम से खेलते हैं। मुस्तफिजुर को इंग्लिश नहीं आती, जिसके कारण जब वे टीम का हिस्सा बने, तो भी किसी मेंबर से बात नहीं कर पाते थे।
– सनराइजर्स टीम के मैनेजर को भुई के बारे में ये बात पता थी कि उनका बैकग्राउंड बंगाली है और उन्हें बांग्ला भाषा बोलना आती है। जिसके बाद उन्होंने टीम कप्तान और कोच को ये बात बताई और भुई को ट्रांसलेटर की जिम्मेदारी मिल गई।
– इसके बाद से भुई ही मुस्तफिजुर और टीम के बाकी मेंबर्स के बीच ट्रांसलेटर बन गए और दोनों को एक-दूसरे की बातें समझाने लगे। जब कभी किसी को मुस्तफिजुर से कुछ कहना होता है तो वो भुई की ही मदद लेता है, वहीं जब फिज को किसी को बताना होता है तो भुई ही उस तक वो बात पहुंचाते हैं।
– भुई के मुताबिक मुस्तफिजुर ज्यादातर इशारों में ही बात करते हैं। वे दो वर्ड्स का ज्यादा इस्तेमाल करते हैं प्रॉब्लम और नो प्रॉब्लम। इसके अलावा वे अक्सर कहते हैं कि मुझे बैटिंग नहीं करना है और ना ही इंग्लिश बोलना है।

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