रेप केस में सजा काट रहे राम रहीम की चहेती हनीप्रीत के पीछे पुलिस पड़ी हुई है. हर जगह उसकी तलाश हो रही है. इस बीच दिल्ली में उसकी मौजूदगी ने पुलिस के लिए उम्मीद जगाई है, लेकिन अभी तक उसे ट्रेस नहीं किया जा सका है. कहा जा रहा है कि पकड़े जाने से बचने के लिये हनीप्रीत फोन कॉल का इस्तेमाल नहीं कर रही है. वह अपने जानने वाले लोगों के फोन से व्हाट्सऐप कॉल या चैट कर रही है, ताकि ट्रेस न हो सके.
25 अगस्त की शाम से फरार हनीप्रीत के सामने आखिरी रास्ता क्या बचा है? दिल्ली हाईकोर्ट से राहत पाने और शान से दुनिया के सामने आने की हनीप्रीत की ख्वाहिशों पर तो पानी फिर गया. दिल्ली हाइकोर्ट में हुई सुनवाई के बाद उसकी ट्रांजिट अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी थी. ऐसे में सवाल उठता है कि अब हनीप्रीत का क्या होगा? गिरफ्तार होगी या फिर वो सरेंडर करेगी? या पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट की शरण में जाएगी.
बवाल हरियाणा में तो फिर बचाव दिल्ली में क्यों? हनीप्रीत की जमानत याचिका पर यही सवाल दिल्ली हाईकोर्ट ने हनीप्रीत के वकील से पूछा था. जमानत की सारी जिरह इसी सवाल पर आकर अटकी रह गई. न वकील साहब के जवाब था और न सोमवार को दो घंटे तक उन्हें समझाकर गई हनीप्रीत के पास. सोमवार को दो किस्तों में हुई सुनवाई के बाद वही हुआ जो होना था. कोर्ट ने अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी.
अब सवाल उठता है कि महीनेभर से पुलिस से भागी भागी फिर रही हनीप्रीत अब क्या करेगी. सरेंडर करना होता तो वो लुकाछिपी नहीं खेल रही होती. तो क्या हनीप्रीत अब पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाएगी? लेकिन हनीप्रीत के पास वक्त बेहद कम है. वक्त की कमी की बात इसलिए भी उठ रही है, क्योंकि ये तो तय है कि हनीप्रीत दिल्ली या दिल्ली के आसपास है. ऐसे में पुलिस पूरी ताकत से उसे खोज रही है.
पुलिस चाहती है कि पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट से कोई राहत मिलने से पहले ही उसे गिरफ्तार किया जा सके. अभी तक अंधेरे में तीर चला रही हरियाणा पुलिस के लिए ये काम अब आसान भी होगा क्योंकि लोकेशन का खुलासा हो जाने के बाद हनीप्रीत के लिए दिल्ली का इलाका छोड़कर बाहर निकल पाना बेहद मुश्किल है. दिल्ली में जमानत अर्जी लगाकर हनीप्रीत अपने ही जाल में फंस गई है. इससे निकलना उसके लिए मुश्किल है.
यही वजह है कि 3 हफ्ते की अग्रिम जमानत मांगने वाली हनीप्रीत आखिर आखिर में कोर्ट से 12 घंटे की भीख मांगने लगी, ताकि पुलिस से बचकर किसी तरह चंडीगढ़ तक पहुंच जाए, लेकिन ये भी मंजूर नहीं हुआ. देशद्रोह, दंगा भड़काना, बाबा के पुलिस कस्टडी से भगाने की साजिश रचना, ये तमाम आरोपों को माथे पर लेकर भाग रही हनीप्रीत अगर पुलिस की पकड़ में आ गई तो फिर दो चार महीने तक जमानत तो भूल ही जाए.