महाकाल मंदिर: उज्जैन कलेक्टर को एक और राष्ट्रपति पुरस्कार

 

 

     

     उज्जैन। भगवान महाकालेश्वर मन्दिर में दिव्यांग आसानी से दर्शन-पूजन कर सकें, इसके लिये भी महाकालेश्वर मन्दिर प्रबंध समिति द्वारा विशेष व्यवस्थाएं की गई हैं। देश का पहला बाधारहित मन्दिर बनने वाला भगवान श्री महाकालेश्वर मन्दिर ऐसा मन्दिर है, जहां पर अस्थिबाधित, दृष्टिबाधित, श्रवणबाधित दिव्यांगों के लिये दर्शन हेतु विशेष सुविधाएं उपलब्ध करवाई गई है। दृष्टिहीन श्रद्धालुओं के लिये स्पेशल स्मार्टफोन की तरह डिवाइस तैयार किया गया है। ‘गूगल नेविगेशन मेप’ से कनेक्ट इस डिवाइस से श्रद्धालुओं को आगे बढ़ने पर समीप के मन्दिर में किस ओर मुड़ना है, इसकी सूचना मिलती रहेगी। हेडफोन के साथ हाईटेक स्टिक एवं व्हीलचेयर भी उपलब्ध करवाई जा रही है। महाकाल मन्दिर में ब्रेल संकेतक लगाये गये हैं। महाकाल मन्दिर में रैम्प के निर्माण के साथ रेलिंग भी लगाई गई है। सुगम आवास व्यवस्था के लिये महाकाल धर्मशाला के ग्राउण्ड फ्लोर के दो कमरों को दिव्यांगजनों के लिये आरक्षित कर दिया गया है। इन कमरों के अन्दर बाधामुक्त वातावरण एवं शौचालय निर्मित किया गया है। अल्प दृष्टिबाधितों के लिये धर्मशाला के आरक्षित कमरों में बिजली के बटनों पर रेडियम लगाया गया है।

महामहिम राष्ट्रपति महाकालेश्वर मन्दिर प्रबंध समिति को उसके द्वारा किये गये नवाचार के लिये विश्व विकलांग दिवस 3 दिसम्बर को पुरस्कृत करने जा रहे हैं। श्री महाकालेश्वर मन्दिर प्रबंध समिति की ओर से अध्यक्ष श्री संकेत भोंडवे यह पुरस्कार ग्रहण करेंगे।

 

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