किसान आंदोलन: प्रशासन और पुलिस की रणनीति..

उज्जैन। उज्जैन जिला ही नहीं बल्कि पूरे संभाग में किसान आंदोलन शांतिपूर्ण ढंग से निपट गया है। प्रशासनिक अधिकारियों और पुलिस अधिकारियों की रणनीति के चलते उज्जैन संभाग में किसान आंदोलन को लेकर एक भी गंभीर FIR दर्ज नहीं हुई है । उज्जैन संभाग पूरे मध्यप्रदेश में सबसे ज्यादा संवेदनशील माना जा रहा था।

किसान आंदोलन पूरे देश में समाप्त हो चुका है । यह आंदोलन 1 जून से 10 जून तक हुआ । आंदोलन को लेकर उज्जैन झोन के आईजी राकेश कुमार गुप्ता, संभाग आयुक्त MB ओझा, डीआईजी रमणसिंह सिकरवार सहित अन्य अधिकारियों ने दिन रात एक कर दी थी। अधिकारियों ने सबसे ज्यादा ध्यान रतलाम रेंज की ओर दिया। रतलाम, मंदसौर, नीमच और उज्जैन सबसे ज्यादा संवेदनशील बताए जा रहे थे। इसके अलावा देवास, शाजापुर, आगर को लेकर भी यह आशंका जताई जा रही थी कि बड़ा किसान आंदोलन हो सकता है। इस दौरान कानून व्यवस्था को बनाए रखने के लिए पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों ने खूब मशक्कत की और उनकी मेहनत सफल भी हो गई है। किसान आंदोलन का असर देहात के साथ-साथ शहरी क्षेत्रों में भी अधिक देखने को नहीं मिला । इसके अलावा हिंसा को लेकर जो आशंका जताई थी वह सही साबित नहीं हो पाई।  पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों ने संभाग भर के किसानों को सहयोग व शांति बनाए रखने को लेकर धन्यवाद दिया है।

उज्जैन में अभियान का असर

उज्जैन में पिछले साल हुआ किसान आंदोलन में कई FIR दर्ज हुई थी। इसके अलावा कानून व्यवस्था भी गड़बड़ा गई थी लेकिन इस बार परिस्थितियां सबके सामने है ।उज्जैन जिले में किसान आंदोलन को लेकर एक भी मुकदमा दर्ज नहीं हुआ है। पुलिस अधीक्षक सचिनकुमार अतुलकर ने बताया कि उज्जैन जिले में जो अभियान शुरू किया गया है। उस अभियान के तहत गंभीर अपराधों को अंजाम देने वाले अधिकांश आरोपियों को जिला बदर कर दिया गया है। इसके अलावा जिन इलाकों में पिछले साल हिंसा हुई थी उन क्षेत्रों की जिम्मेदारी बड़े अधिकारियों को दी गई थी।  श्री अतुलकर ने बताया कि किसान आंदोलन को लेकर सभी थाना क्षेत्र में अधिकारियों द्वारा प्रमुख किसान नेताओं से बातचीत भी की गई थी और उन्हें शांतिपूर्वक आंदोलन करने की अपील के साथ समझाइश भी दी गई थी। इसी वजह से जिलेभर में शांतिपूर्ण ढंग से आंदोलन निपट गया है। उज्जैन पुलिस ने आंदोलन में सहयोग देने वालों को धन्यवाद भी ज्ञापित किया है।

इसके अलावा जिला प्रशासन का भी शांति बनाए रखने में और किसानों की समस्याओं को निपटाने में बड़ा योगदान रहा है उज्जैन कलेक्टर मनीष सिंह ने पदभार ग्रहण करने के बाद ही स्पष्ट कर दिया था की सबसे पहली प्राथमिकता सरकार की योजनाओं का लाभ पहुंचाना है उनके द्वारा

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