इंदौर। इंदौर के आध्यात्मिक संत भय्यू महाराज की गतिविधियों को आगे संचालित करने के लिए उनका असली वारिस कौन है? यह सवाल सबसे बड़ा और अहम मुद्दा है। इस सवाल को लेकर तीन जवाब सामने आ रहे हैं । एक तो उनकी पत्नी डॉक्टर आयुषी , दूसरी उनकी पुत्री और तीसरा शख्स वह है जो पिछले 15 सालों से संत भय्यू महाराज की परछाई बनकर साथ चल रहा था विनायक।
भय्यू महाराज ने भले ही अपने जीवन की शुरूआत में मॉडलिंग की हो, लेकिन उन्होंने अध्यात्म में जो नाम कमाया है। वह सबके सामने है। भय्यू महाराज उस समय सुर्खियों में आए थे जब उन्होंने अन्ना हजारे के अनशन तोड़ने को लेकर केंद्र सरकार के कहने पर अन्ना हजारे से बातचीत की थी। भय्यूजी महाराज की पेठ मध्यप्रदेश में नहीं बल्कि गुजरात और महाराष्ट्र में भी बड़ी शख्सियत के रूप में सामने रहे हैं। भय्यू जी महाराज की जो ट्रस्ट है वह मध्य प्रदेश के अलावा महाराष्ट्र और गुजरात में भी सेवा कार्य करता है । भय्यू महाराज का ट्रस्ट अब कौन संचालित करेगा ? इसे लेकर बड़ा सवाल खड़ा हो गया है। एक तरफ जहां परिवार की बेटी और महाराज की दूसरी पत्नी आयुषि है , वहीं दूसरी तरफ विनायक है। जिसका नाम भय्यूजी महाराज ने अपने अंतिम पत्र में उल्लेखित किया है । भय्यूजी महाराज की पार्थिव देह पंचतत्व में विलीन हो गई है। इसके बाद आप असली वारिस को लेकर कई सवाल जन्म दे रहे हैं , जो आने वाले समय में बढ़ा विवाद भी बन सकते हैं ।