इंदौर/उज्जैन। उज्जैन के रहने वाले आशीष दास इंदौर के अपने प्रोजेक्ट पिनेकल ड्रीम्स के मामले में उलझ गए हैं ।इंदौर पुलिस ने गिरफ्तारी के बाद आशीष दास पर शिकंजा कसना तेज कर दिया है। हालांकि आशीष दास को जानने वाले बताते हैं कि वह बेईमान नहीं है केवल परिस्थितियों की वजह से मजबूरियों ने घेर लिया है ।
पुलिस के मुताबिक़ उज्जैन के दशहरा मैदान इलाके में रहने वाले आशीष दास के खिलाफ इंदौर में धोखाधड़ी की नौ एफआईआर हुई है। इंदौर पुलिस ने 20000 के इनामी आशीष दास को गिरफ्तार भी कर लिया है । आशीष दास पर कई लोगों से धोखाधड़ी करने का आरोप है। आशीष दास के अलावा उनके मित्र और बिजनेस पार्टनर पुष्पेंद्र बडेरा पर भी इसी प्रकार के गंभीर आरोप है । आशीष दास और पुष्पेंद्र डेरा को जानने वाले लोग बताते हैं कि दोनों ने कभी किसी के साथ ठगी नहीं की है । उनकी जिंदगी का सबसे रोचक मोड़ है, जब उन्हें धोखेबाज के रूप में देखा जा रहा है । आशीष दास के बारे में बताया जाता है कि उसने कई दोस्तों के जीवन की दिशा ही बदल दी । आशीष दास ने अपने जीवन में कई लोगों की मदद की और इतनी मदद की कि जिसकी कोई कल्पना नहीं कर सकता है । यहां तक बताया जाता है कि आशीष दास के साथ कुछ दोस्तों ने भी अच्छे समय में खूब फायदा उठाया लेकिन बुरे वक्त में वे लोग छोड़ कर चले गए। अभी भी आशीष दास पुलिस की हिरासत में यही बोल रहा है कि उसे लोगों का पैसा लोटाना है। अगर उसे ठगी करना होती तो वहां पिनेकल ड्रीम्स की इतनी ऊंची ऊंची इमारतें नहीं बनाता। वह एक इमारत बनाकर रुपया लेकर चंपत हो जाता । उसने यह भी बताया कि उसकी कई बिजनेस पार्टनर से बात भी चल रही थी, लेकिन FIR दर्ज होने के बाद वह किसी बिजनेस पार्टनर के भी संपर्क में नहीं आ पाया। आशीष दास लगातार पुलिस के सामने यही बात कह रहा है कि उसे जेल नहीं जाना है बल्कि लोगों के सपने को पूरा करने के लिए पिनेकल ड्रीम्स को एक बार फिर खड़ा करना है। पुलिस सूत्रों के मुताबिक आशीष दास ने अभी तक पुलिस को सभी मामलों में सहयोग किया है । पुलिस को हर वह बात बताइए जो पुलिस जानना चाहती थी। वह आगे भी पुलिस को पूरा सहयोग करने को तैयार है। पिनेकल ड्रीम्स के घोटाले में फंसे आशीष दास ने पुलिस को वह सूची भी मुहैया कराई है जिसके जरिए उसने अपने इनवेस्टरों को कई गुना ज्यादा राशि वापस लौट आई है। इतना ही नहीं आशीष दास ने यह भी बताया कि कुछ लोगों ने उस उसके साथ रुपयों के मामले में ज्यादती भी है। इस मामले में पुलिस जांच कर रही है । इंदौर पुलिस का कहना है कि आशीष दास के मामले में जांच के दौरान कुछ उज्जैन के लोगों की भूमिका की भी जांच की जा रही है । यह भी संभावना है कि पूरे मामले के तार उज्जैन से जुड़ेंगे फिलहाल पुलिस आशीष दास की सारी संपत्ति का पता लगा रही है। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अमरेंद्र सिंह ने बताया कि आशीष दास का पासपोर्ट भी जप्त कर लिया गया है । पुलिस अधिकारियों के मुताबिक आशीष दास के अलावा उनके परिवार का कोई भी सदस्य इस घोटाले में शामिल होने की अभी तक कोई जानकारी नहीं मिल पाई है । पुलिस पुष्पेंद्र की भी तलाश कर रही है पुलिस के मुताबिक आशीष दास से भी पुष्पेंद्र के बारे में पूछताछ की जा रही है।
ड्राइवर को दिला दिया मकान
उज्जैन के रहने वाले आशीष दास को यारों का यार भी कहा जाता है आशीष दास ने अपने अच्छे समय में कई लोगों की मदद की। यह बताया जाता है कि आशीष दास ने अपने दोस्त पुष्पेंद्र वडेरा के साथ मिलकर ड्राइवर जैसे अपने कर्मचारी को मकान तक तोहफे में दिया। इसके अलावा अपने कर्मचारियों के अतिरिक्त दूसरे लोगों की भी समय आने पर मदद की । उज्जैन के एक कलाकार की भी आशीष दास ने खूब मदद की। आशीष दास ने कई सड़क छाप लोगों को मदद कर करोड़पति बनवा दिया हालांकि अभी आशीष दास स्वयं परेशानी में है।
अनुभव की कमी ले डूबी..
यह कहावत काफी मशहूर है कि
“जिसका काम उसी को साजे,
दूजा करे तो ठेंगा बाजे”
इस कहावत को आशीष दास के मामले में भी चरितार्थ किया जा सकता है। आशीष दास ने इंदौर के पिनेकल ड्रीम्स के पहले प्रॉपर्टी लाइन का कोई भी काम नहीं किया था । कंस्ट्रक्शन लाइन में भी यह पहला मौका था जब इतना बड़ा प्रोजेक्ट लांच किया गया । अनुभवहीनता भी बर्बादी का एक कारण बन गई। ऐसा माना जा रहा है कि इस प्रोजेक्ट में अधिक वक्त लग गया और प्रोजेक्ट के दाम भी बढ़ गए लेकिन इसका मुनाफा घटता चला गया। इसी वजह से आशीष दास को पीने कल ड्रीम्स महंगी पड़ गई।