उज्जैन कलेक्टर अर्जुन की भूमिका में… मछली की आंख पर निशाना

उज्जैन 28 जुलाई। कलेक्टर श्री मनीष सिंह ने जिला पंजीयक को निर्देश दिये हैं कि सिंहस्थ मेले के लिये आरक्षित भूमि की रजिस्ट्रियां बिना जांच के नहीं की जाये। कलेक्टर ने सिंहस्थ मेले के लिये आरक्षित विभिन्न भूमि के खसरा नम्बर भेजते हुए जिला पंजीयक को स्पष्ट किया है कि रजिस्ट्री की जांच उपरान्त की जाने वाली रजिस्ट्रियों के दौरान यह देखा जाये कि क्रेता कहीं विक्रेता को भ्रम में रखकर तो रजिस्ट्री नहीं करवा रहा है। क्रेता के ध्यान में यह बात आना आवश्यक है कि सिंहस्थ आरक्षित भूमि पर कोई भी निर्माण कार्य किया जाना उज्जैन विकास योजना के अन्तर्गत अनुज्ञेय नहीं है।
कलेक्टर ने अपने आदेश में स्पष्ट किया है कि राज्य शासन द्वारा वर्ष 2013 में जारी किये गये परिपत्र के अनुसार मेला क्षेत्र की भूमि पर पक्के निर्माण पर रोक लगाई गई है। इसके बावजूद सिंहस्थ मेला क्षेत्र में स्थित निजी भूमि स्वामियों द्वारा क्रय-विक्रय कर पक्के निर्माण का कार्य किया जा रहा है और पंजीयन विभाग द्वारा पंजीयन भी किया जा रहा है। कलेक्टर ने कहा है कि वर्ष 2014 में कलेक्टर द्वारा आगामी आदेश जारी होने तक मेला पड़ाव क्षेत्र की कुल 3468.48 हेक्टेयर भूमि तथा 6 सेटेलाइट टाउंस की 35.99 हेक्टेयर भूमि सिंहस्थ मेला के लिये अधिसूचित की गई थी। उक्त भूमि के खसरा नम्बर का विवरण जिला पंजीयक को भेजते हुए कलेक्टर ने निर्देशित किया है कि उक्त ग्रामों के खसरे की रजिस्ट्री सम्बन्धी कार्य किसी सक्षम उप पंजीयक को सौंपा जाये। साथ ही सिंहस्थ आरक्षित क्षेत्र में छोटे-छोटे भूखण्डों (जैसे- 500, 1000, 1500, 2000 स्क्वेयर फीट) की अवैध कॉलोनियां काटी गई हैं, उसकी भी लिस्टिंग करके देने को कहा गया है। कलेक्टर ने कहा है कि उक्त रजिस्ट्रियों में अवैध कॉलोनी की प्रविष्टि कर दें, जिससे अवैध कॉलोनी काटने वाले व्यक्तियों के विरूद्ध राजस्व अमले से जांच करवाकर आपराधिक प्रकरण दर्ज किया जा सके।
उप पंजीयक को क्षेत्रवार कार्य विभाजन करने के निर्देश
कलेक्टर ने जिला पंजीयक को निर्देशित किया है कि वह तत्काल प्रभाव से सभी उप पंजीयकों का क्षेत्रवार कार्य विभाजन तैयार कर उनके समक्ष प्रस्तुत करे। कलेक्टर ने कहा है कि सिंहस्थ आरक्षित क्षेत्र में तथा मेला पड़ाव क्षेत्र में कोई भी रजिस्ट्री बिना जांच के नहीं हो, यह सुनिश्चित किया जाये। कलेक्टर ने जिला पंजीयक को अपने अधीनस्थों को इस सम्बन्ध में निर्देशित करने को कहा है।

उप पंजीयक मुक्ता सिसौदिया को जांच का कार्य सौंपा—-

पंजीयक श्रीमती मंजू पटेल ने कलेक्टर के निर्देश पर उप पंजीयक सुश्री मुक्तासिसौदिया को सिंहस्थ मेला क्षेत्र स्थित पड़ाव एवं अन्य भूमि के दस्तावेजों के पंजीयन के समय जांच करने का कार्य आवंटित किया है। उन्हें निर्देशित किया गया है कि वे पंजीयन के समय यह जांच करें कि दस्तावेज में स्पष्ट रूप से “सिंहस्थ मेला क्षेत्र की भूमि पर कोई निर्माण कार्य उज्जैन विकास योजना के तहत अनुज्ञेय नहीं है” लिखा हो। साथ ही निर्देशित किया गया है कि सिंहस्थ मेला क्षेत्र के समस्त दस्तावेजों को अलग से सूची बनाकर रखें व प्रतिमाह जिला पंजीयन कार्यालय को प्रेषित करें, ताकि अवैध कॉलोनाइजेशन हो रहा हो तो नियमानुसार कलेक्टर को रिपोर्ट प्रस्तुत की जा सके।

2016 के बाद हुए पंजीयन की सूची प्रस्तुत करने के निर्देश
जिला पंजीयक द्वारा उप पंजीयक श्री प्यारेलाल सोलंकी, सुश्री मुक्ता सिसौदिया, श्रीमती प्रमिला गुप्ता, श्रीमती साधना सिंह को पत्र लिखकर निर्देशित किया गया है कि वे सिंहस्थ मेला क्षेत्र स्थित पड़ाव क्षेत्र हेतु कुल 3468.43 हेक्टेयर भूमि पर वर्ष 2016 के बाद कितने दस्तावेजों का पंजीयन किया गया है, इसकी जानकारी 1 सप्ताह के भीतर उनको प्रस्तुत करे, जिससे कि जानकारी निर्धारित प्रारूप में कलेक्टर कार्यालय को भेजी जा सके।

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