उज्जैन/ भोपाल। इन दिनों कांग्रेस के नेता पूरे प्रदेश में कार्यकर्ताओं को एकता का पाठ पढ़ा रहे है, लेकिन दूसरी तरफ कांग्रेस के बड़े नेताओं के बीच 200 किलोमीटर दूरी के बीच भी एक विचारधारा सामने नहीं आ रही है। धार्मिक नगरी उज्जैन में सांसद और मध्य प्रदेश कांग्रेस के चुनाव अभियान समिति के अध्यक्ष ज्योतिरादित्य सिंधिया यह बात बोलते हैं कि अब बंगले की जरूरत नहीं है अब तो मैदान में आना पड़ेगा। दूसरी तरफ उज्जैन से 200 किलोमीटर दूर भोपाल में वे स्वयं शसकीय बंगले के लिए पत्र लिखते हैं । ऐसे में कांग्रेस की एक विचारधारा पर सवाल खड़ा हो रहा है।
कांग्रेस के बारे में यह कहा जाता है कि ऐसी राष्ट्रीय पार्टी है जिसे गुटबाजी ने हाशिए पर लाकर खड़ा कर दिया है। कांग्रेस में गुटबाजी के चलते तीन बार भारतीय जनता पार्टी को मध्यप्रदेश में सफलता मिली है। चौथी बार भारतीय जनता पार्टी अपना भाग्य आजमाने जा रही है। ऐसे में भाजपा के बढ़ते कदम को रोकने के लिए कांग्रेस ने अलग-अलग जिम्मेदारियां बड़े नेताओं को सौंपी है ।
सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया को चुनाव अभियान समिति का अध्यक्ष बनाकर सभी जगह तालमेल स्थापित करने के लिए भेजा जा रहा है। शनिवार को उज्जैन पहुंचे ज्योतिरादित्य सिंधिया ने चुनाव अभियान समिति के सदस्यों और शहर के बड़े कांग्रेस नेताओं से मुलाकात की। इसके बाद मीडिया से भी रूबरू हुए । सांसद ज्योतिराज सिंधिया से जब पूछा गया कि भोपाल में पूर्व मुख्यमंत्री कैलाश जोशी, उमा भारती और बाबूलाल गौर से सरकारी बंगला लेने के बाद सरकार ने उन्हें वापस वही बंगले आवंटित कर दिए हैं, लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह को बंगला नहीं दिया जा रहा है.. इस सवाल पर सिंधिया ने स्पष्ट जवाब दिया कि अब कोई बंगले की जरूरत नहीं है और बंगलों की चिंता किसी को नहीं करना चाहिए, अब तो मैदान में आने का समय आ गया है। इससे स्पष्ट हो गया है कि अब पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह को भोपाल में बंगले की कोई आवश्यकता नहीं है । गौरतलब है कि पूर्व मुख्यमंत्रियों को बंगले आवंटित किए जाने और उन्हें खाली नहीं करवाने के मामले में जबलपुर हाईकोर्ट में याचिका दायर हुई थी, जिसके चलते सरकार ने चार मुख्यमंत्रियों से उनके सरकारी बंगले खाली करवा लिए थे। इनमें पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह भी शामिल है । भारतीय जनता पार्टी से जुड़े तीनों मुख्यमंत्री के बंगले उन्हें वापस आवंटित कर दिए हैं ।शिवराज सरकार पर भेदभाव का आरोप लग रहा है। इन सबके बीच सांसद ज्योतिराज सिंधिया ने पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजयसिंह को बंगले की आवश्यकता से साफ इंकार कर दिया। दूसरी तरफ खबर है कि सिंधिया ने स्वयं को बंगले की आवश्यकता बताते हुए सरकार को बंगले के लिए आवेदन सौंपा है।
कार्यकर्ताओं को मिलेंगे बड़े पद
उज्जैन में सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने स्पष्ट रूप से कहा है कि अगर कांग्रेस की सरकार बनती है तो कार्यकर्ताओं को बड़े-बड़े पदों पर पदस्थ किया जाएगा। उन्होंने यह भी बात कहीं की विधानसभा सीट पर एक ही नेता को टिकट मिलेगा लेकिन सरकार बनने के बाद बड़ी संख्या में कार्यकर्ताओं को आगे बढ़ाया जाएगा , इसलिए कार्यकर्ताओं को इस बार चुनाव में पूरी ताकत लगाना है।