उज्जैन। उज्जैन में आर्थिक आधार पर आरक्षण की मांग और एट्रोसिटी एक्ट के खिलाफ लड़ाई लड़ रही सपाक्स को एक बहुत बड़े वर्ग का और समर्थन खुले रुप से मिलने वाला है । जैन समाज के लोग भी सपाक्स के हाथ को मजबूत करने में जो अपने वाले हैं। जैन समाज में सपाक्स की विचारधारा और उसकी मांग को लेकर लगातार मंथन चल रहा है। ऐसा माना जा रहा है कि जल्दी जैन समाज खुले रुप से समाज के साथ दिखाई देगा। अगर ऐसा होता है तो निश्चित रुप से सपाक्स की ताकत कई गुना बढ़ जाएगी।
गौरतलब है कि एट्रोसिटी एक्ट में हुए बदलाव के बाद सपाक्स ने अपनी लड़ाई तेज कर दी है। दूसरी तरफ आर्थिक आधार पर आरक्षण मिलने की पैरवी भी समाज का बड़ा वर्ग कर रहा है। ऐसे में उज्जैन में जैन समाज भी अपने दायित्व को भली भांति समझते हुए सबकी भावनाओं के अनुरूप सपाक्स के हाथ मजबूत करने जा रहा है । मंगलवार को जैन समाज के कुछ लोगों की अलग-अलग स्थानों पर बैठक होने की खबर मिली है। ऐसा माना जा रहा है कि आगामी सितंबर माह में ही जैन समाज सपाक्स के समर्थन में खुले रुप से अपनी भावनाएं प्रकट कर सकता है। इस संबंध में सपाक्स नेता और पूर्व IAS हीरालाल त्रिवेदी से भी समाज के लोग लगातार संपर्क में है । जैन समाज का उज्जैन में ही नहीं बल्कि मध्यप्रदेश में काफी वर्चस्व और प्रभाव है। ऐसे में समाज के लोग अगर प्रभावी ढंग से मांग को उठाते हैं तो निश्चित रुप से सकारात्मक परिणाम भी सामने आ सकते हैं। दूसरी तरफ जैन समाज का समर्थन मिलने से राजनीतिक पार्टियों की धड़कन और तेज होने वाली है। इसके अलावा सपाक्स की ताकत में कई गुना की वृद्धि होगी।