उज्जैन। उत्तर प्रदेश पुलिस की इंस्पेक्टर सीता सिंह और उनकी बहन पर पिछले दिनों चिमनगंज मंडी थाना क्षेत्र की तिरुपति धाम कालोनी में हुए प्राणघातक हमले के मामले का खुलासा करते हुए पुलिस ने बताया की सीता सिंह के ससुर और पति ने उसकी ह्त्या की सुपारी 2 लाख रुपये में दी थी। जहा बदमाशों ने ह्त्या के उद्देश्य से उन पर घर में घुसकर हमला किया था पुलिस ने मामले में उत्तर प्रदेश के तीन बदमाशों और इंस्पेक्टर की ननंद को गिरफ्तार किया हे वहीं मुख्य आरोपी ससुर और पति फरार हे।
दरअसल घटना 3 अप्रैल की है। जहा उत्तर प्रदेश के गाज़ियाबाद के नोएडा में इंस्पेक्टर सीता सिंह अपने पति सीआईएसएफ में एएसआई अनुज सिंह, अपनी बहन नीता सिंह और उसके पति के साथ 31 मार्च को उज्जैन देवदर्शन के लिए आई थी। वे यहाँ तिरुपति धाम कालोनी में अपने परिचित वैभव मिश्रा के घर रुके थे। घटना वाले रोज 3 अप्रैल को रात में तीन बदमाशों ने सीता सिंह और उसकी बहन नीता सिंह पर उस समय जानलेवा हमला कर दिया था जब वे वैभव मिश्रा के घर सोई हुई थी। वारदात के बाद से ही पुलिस को सीता सिंह के पति अनुज सिंह पर शक था क्योंकि पुलिस के सामने ये सवाल शुरू से था कि जिस कमरे में सीता और नीता सोई हुई थीं उसका दरवाजा किसने खोला। हालांकि घर के बाहर लगे सीसीटीवी से बात साफ जाहिर हो रही थी कि तीन बदमाश घर के अंदर गए और हमला करने के बाद बाहर निकले।
आईजी राकेश गुप्ता के मुताबिक पुलिस को इस बात का शुरू से शक था कि हमलावर स्थानीय न होकर बाहरी हैं। इसलिए पुलिस ने सीता सिंह सहित उसके पति बहन नीता और उसके पति उनके परिचित वैभव मिश्रा के मोबाइल की कॉल डिटेल निकाली तो पता सीता के पति अनुज सिंह पर शक और गहराया क्योंकि वो लगातार उत्तर प्रदेश के अन्य लोगों से मोबाईल पे संपर्क में था। जांच मे पुलिस को पता चला कि सीता सिंह अपनी बहन और पति के साथ जिस ट्रेन से उज्जैन आई थी उसी ट्रेन से तीनों हमलावर भी उज्जैन आये थे। हत्या की साजिश का कारण सीता सिंह के नाम एक करोड़ का बीमा और पारिवारिक मतभेद सम्भव है। पुलिस के मुताबिक हालांकि अभी ये पुख्ता नहीं है क्योंकि अभी सीता के पति और ससुर की गिरफ्तारी नहीं हो सकी है। क्योंकि दोनों सरकारी नौकरी में है लिहाजा उनकी गिरफ्तारी के लियर विभागीय तौर पर जानकारी भेजी गई है। हमलावर महाकाल क्षेत्र स्थित एक होटल में रुके थे। रात में जिस रोज घटना हुई उसी रात पुलिस ने अलर्ट जारी कर दिया और शहर से बाहर जा रहे हर किसी का नाम पता और अन्य डिटेल इकट्ठा की गई थी इसी जानकारी माधवनगर चेक पाइंट से गुजरे कुछ लोगों के नाम पता मिले थे जिनकी पड़ताल की गई तो पता चला कि उनकी इस जानलेवा हमले में संलिप्तता है। लिहाजा हिरासत में लेकर पूछताछ की गई तो इस वारदात का सच सामने आ गया। गिरफ्तार किए गए आरोपियों में गजेंद्र चौहान अमरोहा उप्र, करण वीर सिंह अमरोहा और चंद्रशेखर खड़गवंशी हैं। जबकि चौथी आरोपी सीता सिंह की ननद अनुराधा उर्फ नीतू हैं। वहीं इस हमले के दो मुख्य आरोपी फरार है।
उज्जैन आईजी की रणनीति काम आई
उज्जैन आईजी राकेश गुप्ता उज्जैन में एसपी के रूप में भी सेवाएं दे चुके हैं । इसके अलावा वे डीआईजी के रुप में भी उज्जैन में कार्य कर चुके हैं , इसलिए वे उज्जैन जिले में गहरी पकड़ रखते हैं । इस्पेक्टर पर हमले के बाद आई जी राकेश गुप्ता ने पूरे मामले की मॉनिटरिंग की थी। इसके अलावा उनके मार्गदर्शन में वरिष्ठ अधिकारियों की टीम लगातार काम कर रही थी। आईजी राकेश गुप्ता ने वारदात के बाद ही स्पष्ट रूप से संकेत दे दिए थे कि इस घटना में बाहर के बदमाशों का हाथ हो सकता है। पुलिस उपमहानिरीक्षक अनिल शर्मा, पुलिस अधीक्षक सचिन कुमार अतुलकर ने भी मामले को गंभीरता से लिया और इस वारदात को खोलने के लिए पुलिस की अलग-अलग टीम बना दी। यही वजह है कि उत्तर प्रदेश के बदमाश भी उज्जैन में बेनकाब हो गए।