मैं तो शिवराज का दीवाना.. सज्जन वर्मा कौन है..?

उज्जैन। मैं तो पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का दीवाना हूं , उन्हीं के कार्यकाल में हमें नौकरी पर रखा गया है.. सज्जन सिंह वर्मा कौन है?  मैं नहीं जानता हूं..

यह बात सुनकर मौके पर मौजूद लोग हतप्रभ रह गए..  यह वाकया महाकाल मंदिर में नंदी हाल के सामने नंदीहाल के समीप का है..। दरअसल प्रभारी मंत्री सज्जन सिंह वर्मा के कुछ करीबी भगवान महाकाल के दर्शन करने और भस्म आरती में शामिल होने के लिए इंदौर से उज्जैन आए थे। रविवार सुबह जब वे भस्म आरती में शामिल हो रहे थे तो उनके सामने एक अजीबोगरीब वाक्या घटित हुआ।

आधिकारिक सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक प्रभारी मंत्री सज्जन सिंह वर्मा ने स्वयं महाकाल मंदिर के प्रशासक और अन्य अधिकारियों को व्यक्तिगत रूप से फोन कर उक्त लोगों की अनुमति बनवाई थी । प्रभारी मंत्री सज्जन सिंह वर्मा ने यह भी कहा था कि श्रद्धालुओं को अच्छे से दर्शन मिल जाए। इसके बाद उक्त लोगों की महाकाल मंदिर समिति ने परमिशन बना दी गई। जब भस्म आरती में शामिल होने के लिए श्रद्धालु रविवार सुबह मंदिर पहुंचे तो वहां उनका सामना गर्भगृह के निरीक्षक उमेश पंड्या से हुआ। उमेश पंड्या ने प्रभारी मंत्री के मेहमानों से अभद्रता की , इतना ही नहीं जब मेहमानों ने प्रभारी मंत्री का नाम लिया तो उमेश पंड्या ने स्पष्ट कहा कि उन्हें पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने नौकरी पर रखा है और वह प्रभारी मंत्री सज्जन सिंह वर्मा नाम के किसी व्यक्ति को नहीं जानते हैं। बताया जाता है कि प्रभारी मंत्री सज्जन सिंह वर्मा ने इस मामले में कांग्रेस के नेता पप्पू बोरासी की भी ड्यूटी लगाई थी। प्रभारी मंत्री ने स्वयं पप्पू बोरासी को फोन मंदिर जाने को कहा था।  जब यह घटना घटित हुई तो पप्पू बौरासी ने पूरे मामले की जानकारी प्रभारी मंत्री को दी। प्रभारी मंत्री सज्जन सिंह वर्मा स्वयं महाकालेश्वर मंदिर की व्यवस्थाओं को लेकर चिंतित है । आज भी महाकालेश्वर मंदिर में कुछ राजनीतिक संगठनों का बोलबाला है जबकि कांग्रेस नेताओं को बड़ी मुश्किल से सुविधाजनक धार्मिक क्रियाकलाप मिल पा रहा है । इस मामले में प्रभारी मंत्री ने पप्पू बौरासी को स्पष्ट रूप से कहा है कि वे सोमवार को उज्जैन आ गए हैं और जो लोग श्रद्धालुओं के साथ अभद्रता कर रहे हैं, उन्हें बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इस बात की पुष्टि पप्पू बोरासी ने भी की है । यह भी जानकारी मिली है कि जो श्रद्धालु प्रभारी मंत्री सज्जन सिंह वर्मा के मेहमानों में शामिल थे उनमें कुछ इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के वरिष्ठ पत्रकार भी हैं। बताया जाता है कि निरीक्षक उमेश पंड्या लंबे समय से गर्भ गृह में तैनात हैं और वे स्वयं भ्रष्टाचार में लिप्त होकर अपने स्वार्थ की पूर्ति का श्रद्धालुओं को सुविधा मुहैया कराते हैं । जब उनके स्वार्थ की पूर्ति नहीं होती है तो वे भड़क जाते हैं अब यह देखना दिलचस्प होगा कि उमेश पंड्या को हटाया जाता है या नहीं?

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