नायब तहसीलदार ने कहा- मुझे पटवारी बना दो और सरकार ने बना दिया..

उज्जैन। निजी कारणों के चलते एक नायाब तहसीलदार ने सरकार से गुहार लगाई कि उन्हें फिर से पटवारी बना दो और सरकार ने आवेदन को स्वीकार करते हुए उज्जैन जिले में पदस्थ एक नायब तहसीलदार को फिर से पटवारी बना दिया। आवेदन स्वीकार होने के बाद एक-दो दिन में नायाब तहसीलदार को उज्जैन जिला प्रशासन रिलीव भी कर देगा।

पदोन्नति की चाह लिए सरकारी कर्मचारी और अधिकारी लगातार आगे बढने के लिए प्रयासरत रहते हैं। पदोन्नति हमेशा शासकीय कर्मचारियों की पहली पसंद रही है । इसके लिए कई कर्मचारियों ने न्यायालय तक की शरण ली है लेकिन उज्जैन में एक ऐसा मामला सामने आया है जिसमें नायब तहसीलदार राजेश भाटी ने निजी कारणों के चलते शासन से अपील की कि उन्हें पुनः पटवारी बना दिया जाए। दरअसल नायब तहसीलदार के रूप में कुछ ही समय पहले श्री भाटी पदोन्नत हुए थे। वे पटवारी से पदोन्नत होकर नायब तहसीलदार बने थे लेकिन निजी कारणों के चलते हुए नायब तहसीलदार के पद पर नहीं रहना चाहते हैं। उन्होंने उज्जैन जिला प्रशासन के अधिकारियों के माध्यम से शासन को पत्र लिखा था । इस पत्र को सरकार ने मंजूर कर लिया है । उज्जैन के तहसीलदार श्रीकांत शर्मा ने बताया कि शासन से मंजूरी मिलने के बाद एक-दो दिनों में वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी श्री भाटी को रिलीव भी कर देेंगे। मध्यप्रदेश में यह पहला मामला है जिसमें बड़े पद पर आसीन किसी अधिकारी ने स्वयं डिमोशन मांगा हो। यही वजह है कि यह मामला पूरे मध्यप्रदेश में चर्चा का विषय बन गया है। इस संबंध में जब श्री भाटी से संपर्क किया गया तो वे उपलब्ध नहीं हो पाए।

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