रतलाम। जिओ कंपनी की केबल चोरी के मामले में आखिरकार सभी आरोपियों को जेल भेजने के निर्देश जारी कर दिए गए हैं। माननीय न्यायालय के समक्ष जब आरोपियों को पेश किया गया तो माननीय न्यायालय ने पूरे प्रकरण को गंभीर मानते हुए आरोपियों को जेल भेजने के निर्देश दिए।
उल्लेखनीय है कि रतलाम के औद्योगिक थाना क्षेत्र में केबल चोरी करने वाली एक पूरी गैंग पकड़ाई थी। इस गैंग के एक सदस्य के रिश्तेदार ने यह तक कह दिया था कि वह प्रधानमंत्री कार्यालय से फोन लगवा रहा है । इसके अलावा फरियादी वीरेंद्र सिंह को भी इस बात की धमकी दी गई थी कि वह प्रधानमंत्री कार्यालय से फोन लगा कर कार्यवाही प्रभावित कर सकता है । हालांकि उसे शायद इस बात की जानकारी नहीं थी कि रतलाम में पुलिस अधीक्षक के रूप में आईपीएस अफसर गौरव तिवारी पदस्थ है । पुलिस अधीक्षक गौरव तिवारी ने स्पष्ट रूप से कहा कि किसी भी बहारी व्यक्ति का हस्तक्षेप पुलिस कार्रवाई में नहीं चलेगा । पुलिस कप्तान के निर्देश के बाद पूरे मामले की सूक्ष्मता से जांच हुई और इंदौर की फैक्ट्री का मालिक मोहित संचेती आरोपी के रूप में जेल में पेश हुआ। जब माननीय न्यायालय के समक्ष संचेती की भूमिका बयां की गई तो माननीय न्यायालय ने उसे जेल भेजने के निर्देश दिए । इसके अलावा उन आरोपियों को भी कोर्ट में पेश किया गया जिनकी रिमांड अवधि समाप्त हो रही थी। उन आरोपियों को भी माननीय न्यायालय ने जेल भेजने के निर्देश दिए हैं । पुलिस कप्तान गौरव तिवारी ने एक बार फिर इतिहास रच दिया है । पुलिस कप्तान गौरव तिवारी हमेशा न्याय के पक्ष में कार्रवाई करते हैं । उन पर कार्रवाई को लेकर कोई भी दबाव हावी नहीं रहता है । ऐसे एक दो नहीं बल्कि दर्जनों उदाहरण सामने आ चुके हैं । रतलाम ही नहीं बल्कि पूरे मध्यप्रदेश के अलावा देश में उनके द्वारा की जा रही कार्रवाईयां वायरल हो रही है। पुलिस कप्तान ने अपने कार्यकाल के दौरान जहां भी पदस्थापना ली, वहां पर अपनी एक ऐसी छवि छोड़ दी जिसे अभी भी लोग भूल नहीं पाते हैं । अपराध और अपराधियों के खिलाफ पुलिस अधीक्षक गौरव तिवारी के कदम रोक पाना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन है।