हनी ट्रेप: नौकरी के लिए उसने जिस्म और आबरू सब सौप दी अधेड़ इंजीनियर को..

भोपाल/ इंदौर। नरसिंहगढ़ के किसान परिवार से ताल्लुक रखने वाली उस लड़की ने सोचा था कि उसे सरकारी नौकरी मिल जाएगी और वह अपने परिवार का बोझा उठाने में उनकी सहायक बन जाएगी.. उसने क्या गलत सोचा था?.. लेकिन उसने जो रास्ता शॉर्टकट तरीके से अपनाया वह उसके लिए बेहद खतरनाक साबित हुआ.. उसे नौकरी मिलना तो दूर अब वह कानून के शिकंजे में इतनी फंस चुकी है कि उसका पूरा केरियर ही बर्बाद हो गया है.. देखिए हनीट्रैप में फंसे गिरोह में उलझी एक छात्रा की कहानी।

भोपाल से ग्रेजुएशन की पढ़ाई कर रही मोनिका यादव भी इंदौर पुलिस के शिकंजे में है. हनी ट्रैप के मामले में मोनिका यादव को भी आरोपी बनाया गया है. मोनिका यादव वही 18 साल की लड़की है जो अधेड़ इंजीनियर के सामने इसलिए पेश हो गई थी क्योंकि उसे पेट की भूख मिटाना थी. गरीब परिवार से ताल्लुक रखने वाली मोनिका यादव फेसबुक पर सक्रिय रहती थी. जब उसने फेसबुक पर श्वेता जैन की हाई प्रोफाइल लाइफ़स्टाइल देखी और उसके बड़े-बड़े लोगों से संबंध देखे तो वह उसकी ओर आकर्षित हो गई. मोनिका की यही गलती उसे सलाखों के पीछे ले गई है. मोनिका यादव को पुलिस ने  नगर निगम इंजीनियर हरभजन सिंह को ब्लैकमेल करने के मामले में श्वेता जैन और उसके गिरोह के सदस्य के रूप में पकड़ा है. पुलिस हिरासत में आई मोनिका की अचानक तबीयत खराब हो गई थी. उसे एक निजी अस्पताल में पुलिस चेकअप के लिए ले गई. इसके बाद उसे पुनः अपनी हिरासत में ले लिया मोनिका जैसी और भी लड़कियों के सामने आने की चर्चाएं गर्म है. मोनिका ने अपने बयान में पुलिस को यह भी बताया कि श्वेता जैन ने उसे यह भरोसा दिलाया था कि उसकी जल्द ही सरकारी नौकरी लग जाएगी. इस बात का जिक्र मोनिका ने अपने परिवार वालों से भी कर दिया था. जब इंजीनियर हरभजन सिंह से ₹5000000 की वसूली करने के लिए गिरोह के सदस्य इंदौर आ रहे थे, उसी समय मोनिका को भी साथ लाया गया. मोनिका से यह कहा गया कि उसकी नौकरी लग गई है और उसे इंदौर में जॉइनिंग देना है. मोनिका खुशी-खुशी गिरोह के सदस्यों के साथ गाड़ी में बैठ कर आ गई. हालांकि पुलिस मोनिका के बयानों को भी तस्दीक कर रही है पुलिस का कहना है कि गिरोह के सभी सदस्य शातिर है. ऐसी स्थिति में उनके बयानों पर एकदम ऐतबार नहीं किया जा सकता है.

एक के बाद एक खुलती परते

हाईप्रोफाइल हनीट्रैप मामले की जैसे जैसे परतें खुल रही हैं, वैसे ही चौंकाने वाले राज सामने आ रहे हैं. गिरफ्तार की गई युवतियों के पास से पांच हार्ड डिस्क बरामद हुई हैं, इनमें पूर्व और मौजूदा राज्य सरकार के कई बड़े नेताओं के नाम हैं. इसके साथ ही उनके पास से जो मोबाइल बरामद किए गए वह अश्लील वीडियोज से भरे हुए हैं. ये वीडियोज बड़े नेताओं और ‌अफसरों से संबंधित हैं. पुलिस सभी इलेक्ट्रॉनिक सामान की फॉरेंसिक जांच करवाएगी. वहीं पूछताछ में पता चला है कि आरोपी युवतियों को नेताओं-अफसरों और व्यापारियों ने महंगे बंगले और लग्जरी कारें भी तौहफे में दी थीं. वहीं एनजीओ की आड़ में भी उन्हें करोड़ाें का फायदा पहुंचाया गया.

कई राजनेताओं के नाम आए सामने
हनी ट्रैप के मामले में इंदौर पुलिस ने दो युवतियों और भोपाल पुलिस ने तीन महिलाओं के साथ एक पुरुष को गिरफ्तार किया था. इन आरोपियों के पास से पुलिस ने 5 हार्ड डिस्क जब्त की थीं. जब उनकी जांच की गई तो कई नौकरशाहों और राजनेताओं के नाम सामने आए.  इंदौर डीआईजी रुचि वर्धन मिश्रा का कहना है अभी सभी इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की फॉरेंसिक जांच कराई जाएगी जो भी तथ्य सामने आएंगे, उसके आधार पर कार्रवाई होगी.

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