इंदौर। आईपीसी की तमाम धाराओं में हनी ट्रैप की एक ऐसी धारा है जो आरोपी के लिए भी दो धारी तलवार बनकर साबित हो सकती है। भारतीय दंड संहिता की धाराओं में कोई भी अपराधी हां नहीं बोलता है और कोई भी फरियादी ना नहीं करता है , मगर हनी ट्रेप के मामले में सब कुछ उलट होता है। यहां पर अपराधी भले ही अपना अपराध स्वीकार कर ले लेकिन फरियादी कभी भी सामने नहीं आता है, क्योंकि उंगलियां उस पर भी उठती है । हनी ट्रैप में कई लोगों को बर्बाद करने वाली श्वेता जैन, आरती दयाल गैंग के हौसले अभी भी पस्त नहीं हुए हैं।
इंदौर पुलिस ने हाई प्रोफाइल हाईटेक के मामले में बड़ी सफलता अर्जित की है लेकिन जिस उम्मीद के साथ शुरुआत हुई थी शायद वह अंजाम तक पहुंचने में अभी समय लग सकता है। हनी ट्रैप के मामले में सबसे विचित्र बात यह है कि अपराधी से भले ही अपना अपराध स्वीकार कर ले लेकिन जब तक फरियादी सामने नहीं आएगा तब तक आरोपी का कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता है। हनी ट्रैप के मामले में ऐसे ही कई तथ्य सामने आ रहे हैं जिसमें आरोपी अपराध को स्वीकार करना बता रहे हैं मगर शिकायतकर्ता सामने नहीं आ रहे हैं। हनी ट्रैप के मामले में फिलहाल इंदौर पुलिस ने आरती दयाल और मोनिका यादव को रिमांड पर ले रखा है , जबकि श्वेता जैन, बरखा भटनागर सोनी और एक अन्य श्वेता जैन को जेल भेज दिया गया है । अभी भी इस गैंग के हौसले पूरी तरह पस्त नहीं हुए हैं। सूत्रों की मानें तो सलाखों के पीछे से भी ऐसी खबरें पहुंचाई जा रही है जिससे फरियादी विचलित हो सकते है। दरअसल इस गैंग के तार कई प्रभावशाली लोगों से जुड़े हुए हैं। अगर शुरुआती दौर की बात की जाए तो श्वेता जैन सबसे पहले संपर्क सागर के शराब माफिया से हुए थे जिसके बाद वह एक के बाद एक सीढ़ी चढ़ते हुए राजनेताओं और अफसरों के जरिए करोड़पति बन गई। इस पूरी घटना में कई लोगों के साथ ठगी हुई है मगर कोई भी सामने आने को तैयार नहीं है।
आईएएस और आईपीएस अफसरों में तनातनी
हनी ट्रैप के मामले में आईएएस और आईएएस आईपीएस अफसरों के बीच भी तनातनी की खबरें आ रही है । गौरतलब है कि आईएएस और आईपीएस अफसरों में भी अलग-अलग ग्रुप है ऐसी स्थिति में यह भी आरोप प्रत्यारोप लगाए जा रहे हैं कि एक ग्रुप के अधिकारी दूसरे ग्रुप के अधिकारी पर आरोप लगाने में पीछे नहीं हट रहे हैं । इन सब घटनाक्रम के बीच हनी ट्रैप के मामले में आपसी खींचतान भी बाहर आ सकती है। पूर्व में हनी ट्रेप के मामले में एक आईएएस अफसर का वीडियो वायरल होने के बाद उन्हें हटाने के निर्देश भी जारी हो चुके हैं।
शिकायत में आया एक और नया मोड़
शिकायतकर्ता हरभजन सिंह द्वारा मोनिका यादव के साथ हुई ब्लैक मेलिंग की कथित घटना में पुलिस द्वारा मोनिका कि आज दिनांक उम्र 18 वर्ष बताई गई । जबकि हरभजन सिंह और पुलिस के बयानों पर नजर डालने पर 2 साल से यह संबंध जारी थे । जिसके तहत स्वत मामला 376 और पास्को एक्ट की धारा 363 का बनता नजर आ रहा है ।
राजनैतिक बयानबाजी तेज
हनी ट्रैप के मामले में लगातार राजनीतिक बयानबाजी का दौर भी चल रहा है । एक पूर्व मुख्यमंत्री और कई नेताओं का नाम चर्चा में आने के बाद लगातार आरोप-प्रत्यारोप शुरू हो गए हैं । गृहमंत्री बाला बच्चन में स्पष्ट रूप से बयान दिया है कि इस मामले में कोई भी दोषी बच नहीं पाएगा। इंदौर पुलिस को कार्रवाई के लिए गृहमंत्री ने बधाइयां भी दी है। दूसरी तरफ कमलनाथ सरकार के कई मंत्री भी कार्रवाई की प्रशंसा कर रहे हैं।
छतरपुर पहुँची क्राइम ब्रांच की टीम
इंदौर क्राइम ब्रांच की टीम जांच पड़ताल के लिए छतरपुर पहुंच गई है छतरपुर में आरती दयाल का मकान है। आरती दयाल फिलहाल रिमांड पर है । आरती दयाल के संबंध में जानकारी एकत्रित की जा रही है। इसके अलावा क्राइम ब्रांच और भी खुलासे कर सकती है।