हनी ट्रेप: गोरा रंग, नीली आंख.. खुद को रशियन बताती थी “वो”

इंदौर। भोपाल से हनी ट्रैप के मामले में गिरफ्तार महिलाओं से जुड़े नए-नए किस्से रोज सामने आ रहे हैं. गिरोह की एक महिला ने शिकार को जाल में फंसाने के लिए स्वयं को रशियन बता अपने गोरे रंग को हथियार बना लिया. यह महिला अपने गोरे रंग को भुनाने में बेहद माहिर बताई जाती है.
सूत्रों के मुताबिक पूछताछ में महिला ने बताया कि उसके गोरे रंग की वजह से अक्सर लोग उसे रशियन समझ लेते थे और इसकी वजह से उसे कई बार बेहद आलीशान होटलों और पार्टियों में ले जाते थे.
महिला ने अपने बालों को भी ऐसे स्टाइल से कटवा लिया था, जिससे कि वह पूरी तरह से रशियन लगे. गिरोह की यह महिला अपने बालों को हमेशा वैसा ही कलर लगा कर रखती थी, जैसा कि अमूमन रशियन महिलाओं के बाल दिखते हैं.
बताया जाता है कि यह महिला अपनी आंखों में कई बार नीले रंग के लेंस भी लगाती थी, जिससे वह पूरी तरह विदेशी लगे. आमतौर पर भारतीयों की आंखों की पुतलियां नीले रंग की नहीं होतीं. इसके अलावाा मेकअप पर भी लाखोंं रुपया खर्च करती थी


छोटे कपड़े पहनकर बड़ा दिखावा
गिरोह की यह महिला अक्सर पार्टियों में छोटे कपड़े पहन कर ही जाती थी ताकि किसी को शक न हो कि वह भारतीय है. उसने यह भी बताया कि लहजे में रशियन एक्सेंट न होने की वजह से कई बार उसे झूठ भी बोलना पड़ता था कि वह लंबे समय से भारत में रह रही है. इसी वजह से उसकी बोली में रशियन एक्सेंट नहीं आता.

कॉलोनी के लोग भी थे भ्रमित
इस महिला के पड़ोसियों का कहना है कि जब सुबह वह कॉलोनी में मॉर्निंग वॉक या जॉगिंग के लिए निकलती थी तो सभी मिलने वालों को अंग्रेज़ी में ही गुड मार्निंग विश करती थी.
उसकी लाइफस्टाइल से लेकर कपड़े पहनने के तरीके तक, सबकुछ बेहद हाई प्रोफाइल रहता था. पड़ोसियों की मानें तो कई दफा उसे देख कर कॉलोनी में रहने वाले लोग भी भ्रमित हो जाते थे कि वह भारतीय है या विदेशी.
बता दें कि बड़े अधिकारियों, नेताओं और व्यवसायियों को अपने हुस्न के जाल में फंसाकर ब्लैकमेल करने वाले गिरोह का भंडाफोड़ करते हुए इंदौर और भोपाल की पुलिस के साथ ही एटीएस ने आरती दयाल, मोनिका यादव, श्वेता जैन समेत चार महिलाओं को गिरफ्तार किया था. इनमें एक छात्रा भी शामिल है.

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