हनी ट्रेप: दिग्विजय ने लगाई हाईकोर्ट में अर्जी.. सीबीआई जांच की मांग

इंदौर। हनी ट्रैप के मामले में रोज नए मोड़ आ रहे हैं। इस प्रकरण में सीबीआई जांच को लेकर हाईकोर्ट में याचिका लगाई गई है । यह याचिका वरिष्ठ अभिभाषक मनोहरलाल दलाल की ओर से पेश की गई है।

गौरतलब है कि इंदौर पुलिस ने हनी ट्रैप का एक बड़ा खुलासा किया है । इस मामले में श्वेता जैन नाम की दो महिलाओं के साथ साथ मोनिका यादव, आरती दयाल सहित 5 महिलाओं को गिरफ्तार किया गया है । इस प्रकरण की जांच के दौरान कई बड़े नामों का खुलासा होने की संभावना है। यह भी कहा जा रहा है कि हनी ट्रैप में भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस के कई बड़े नेता भी शामिल हो सकते हैं इसके अलावा आईएएस आईपीएस सहित कई अफसरों का नाम भी हनीट्रैप में चर्चाओं में है । इन सबके बीच इंदौर पुलिस लगातार जांच कर रही है ।इंदौर पुलिस का एक दल भोपाल गया है । भोपाल में हनी ट्रैप को लेकर सबूत एकत्रित किया जा रहा है ।

इसी बीच कल कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर हुई है। यह याचिका दिग्विजय भंडारी नामक समाजसेवी की ओर से दायर की गई है जिसे वरिष्ठ अभिभाषक मनोहरलाल दलाल ने दायर किया है । इस अर्जी में पूरे मामले को लेकर सीबीआई जांच की मांग की गई है। वरिष्ठ अभिभाषक लाल दलाल का कहना है कि सीबीआई जांच को लेकर स्टेट या हाई कोर्ट निर्देश दे सकते है। श्री दलाल का कहना है कि क्योंकि हाईप्रोफाइल मामला है और इस पूरे मामले में बड़े लोगों के नाम आ रहे हैं । बड़े राजनेताओं और अफसरों के नाम होने की वजह से इसमें निष्पक्ष जांच को लेकर अलग से एजेंसी नियुक्त किया जाना आवश्यक है। उन्होंने यह भी कहा कि पुलिस के सामने कई ऐसे खुलासे हो चुके हैं जिन सबूतों को पुलिस छिपा रही है। इन मामलों में अलग से एफआईआर भी होना चाहिए थी लेकिन पुलिस ने केवल हरभजन सिंह की एक ही f.i.r. से पूरा मामला निपटा दिया है।

श्री दलाल का यह भी कहना है कि हरभजन सिंह पर भी बड़ी कार्रवाई होगी, क्योंकि नाबालिक लड़की के साथ उसकी सहमति से भी संबंध बनाना गैरकानूनी है। जो तथ्य सामने आ रहे हैं उसके मुताबिक मोनिका यादव से हरभजन सिंह द्वारा 2 साल से लगातार संबंध बनाए जा रहे हैं। वर्तमान में मोनिका की आयु 18 साल बताई जा रही है। ऐसी स्थिति में 2 साल पहले मोनिका 16 वर्ष की होकर नाबालिक थी । इसके अलावा हरभजन सिंह ने हनीट्रैप कई भ्रष्टाचार भी किए हैं। इनकी जांच होना भी जरूरी है। इन सब मामलों में निष्पक्ष जांच के लिए सीबीआई को सौंपा जाना अति आवश्यक है । अब हाईकोर्ट में एक-दो दिन में पूरे मामले की सुनवाई होने की संभावना है।

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