भ्रष्टाचार की जांच से घबरा कर कुलपति के इस्तीफे की पेशकश- प्रदेश सचिव

उज्जैन। विक्रम विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ बालकृष्ण शर्मा के इस्तीफे की खबरों के बीच एक नया मोड़ आ गया है । प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सचिव मकसूद अली ने कुलपति पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका आरोप है कि भ्रष्टाचार की जांच से घबरा कर कुलपति शर्मा इस्तीफा दे रहे हैं।

गौरतलब है कि 6 माह पूर्व डॉ बालकृष्ण शर्मा को विक्रम विश्वविद्यालय का कुलपति बनाया गया था। शुक्रवार को उनके इस्तीफे की चर्चा सुर्खियों में रही उनका एक फोटो भी वायरल हुआ जिसमें हुए महामहिम राज्यपाल के सामने बैठे हुए हैं। इस दौरान सोशल मीडिया पर यह भी लिखा गया है कि कुलपति डॉ शर्मा अपना इस्तीफा लेकर राजभवन गए थे लेकिन उनका इस्तीफा नामंजूर कर दिया गया है । इन खबरों के बीच प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सचिव मकसूद अली ने शर्मा पर भारी भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि पूर्व में विक्रम विश्वविद्यालय की परीक्षाएं सही समय पर आयोजित होकर सही समय पर रिजल्ट आते थे लेकिन कुलपति बनने के बाद डॉक्टर बालकृष्ण शर्मा ने कुछ टेंडर बदल दिए गए, जिसके बाद परीक्षा परिणाम आने में काफी विलंब हो रहा है । उन्होंने कहा कि विक्रम विश्वविद्यालय द्वारा मार्कशीट बनाने सहित कई टेंडर दी जाते हैं । इन टेंडरों को बदलने की खबरें है। टेंडर बदलने से विवि को काफी आर्थिक हानि भी उठाना पड़ रही है । कुलपति द्वारा आनन-फानन में टेंडर बदलने की प्रक्रिया की गई इसके अलावा और भी कई शिकायतें कुलपति के खिलाफ मिली है, जिसे आगे बढ़ा दिया गया है। उन्होंने यह भी कहा कि आने वाले समय में कुलपति के खिलाफ भ्रष्टाचार की जांच होगी, इसीलिए वे जांच से घबराकर इस्तीफा दे रहे हैं । श्री अली ने यह भी बताया कि बैचलर ऑफ आर्ट्स और साइंस के परीक्षा परिणाम अभी तक नहीं आ पाए हैं , जबकि शिक्षण सत्र शुरू हुए कई महीने बीत चुके हैं । यह सब कुछ कुलपति डॉक्टर शर्मा के गैर जिम्मेदाराना रवैये की वजह से हुआ है। इस संबंध में जब कुलपति डॉ शर्मा से संपर्क करने की कोशिश की गई तो वे उपलब्ध नहीं हो पाए। गौरतलब है कि डॉक्टर शर्मा काफी वरिष्ठ प्राध्यापक है। इसके अलावा कुलपति बनने से पहले उनके खिलाफ कभी भी कोई भ्रष्टाचार के आरोप नहीं लगे हैं । ऐसी स्थिति में छात्र राजनीति में सक्रिय रह चुके प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सचिव द्वारा आरोप लगाए जाने से खलबली मच गई है। विदित है कि एनएसयूआई भी कुलपति के खिलाफ लंबे समय से आंदोलनरत हैं।

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