इंदौर। हनी ट्रेप के मामले में सबकुछ कोड वर्ड पर चलता था.. जैसे खबर आती थी कि पिकनिक का पर चलना है, वैसे ही पूरा गिरोह समझ जाता था कि मुर्गा फंसने वाला है और बिना सिम कार्ड वाले मोबाइल की बेट्री चार्ज पर लगा दी जाती थी।
हनी ट्रैप के मामले में जैसे-जैसे इंदौर पुलिस की जांच आगे बढ़ रही है, वैसे-वैसे रोज नए खुलासे हो रहे हैं । पुलिस को जांच के दौरान कुछ दस्तावेज भी है जिसमें कुछ कोड वर्ड लिखे हुए हैं। हालांकि अभी पुलिस सभी चीजों का परीक्षण कर रही है। पुलिस विभाग के आधिकारिक सूत्रों का मानना है कि इस पूरे मामले में बड़े लोगों के नाम जुड़े होने से प्रकरण और भी संवेदनशील हो गया है। हनी ट्रैप के मामले में अलग-अलग कोड वर्ड पर बातचीत होती थी। जब भी यह कहा जाता था कि हाईवे पिकनिक पर चलना है तो समझ लीजिए उन्हें वीडियो बनाने की तैयारी करना है । इसके अलावा उस मोबाइल को भी चार्जिंग पर लगा दिया जाता था, जो बिना सिम कार्ड का था। इसके अलावा बाकी तैयारियां भी कर ली जाती थी । जब हनी ट्रैप की साजिश कामयाब हो जाती थी तो फिर एक पार्टी अलग से होती थी। इस पार्टी में हनी ट्रैप में फंसे लोगों को किस प्रकार लूटना है? यह तय किया जाता था। गौरतलब है कि हाईवे पिकनिक के नाम पर देवास, इंदौर और भोपाल के बीच में कई रिसोर्ट पर अश्लील वीडियो बनाए गए हैं ।हनीट्रैप के मामले में कई और खुलासे अभी होना बाकी है।
रेल में अश्लीलता का खेल
पुलिस ने हनीट्रैप के मामले में जो गेजेट पकड़े हैं उनमें कुछ वीडियो भी सामने आए हैं। इनमें से एक वीडियो केंद्रीय मंत्री के बेटे का लग रहा है । यह बात सूत्रों के हवाले से सामने आ रही है कि अश्लीलता का यह वीडियो रेल में बनाया गया है। कुल मिलाकर हनीट्रैप के मामले में आरोपी महिलाओं द्वारा कहीं भी वीडियो बना लिया जाता था और फिर अपने शिकार से वसूली की जाती थी । यह भी चर्चा है कि केंद्रीय मंत्री का पुत्र हनी ट्रैप के मामले में फंसने के बाद एक मोटी रकम देकर छोटा है । यह रकम ₹1 करोड़ आंकी जा रही है।