दलालों के काम हो रहे है विधायकों के नहीं, इसलिए इस्तीफा.. कमलनाथ सरकार को झटका

भोपाल।  मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार में बार-बार गुहर लगाने के बावजूद भी विकास कार्य नहीं हुए.. जब भी आवेदन दिया है अब यह कहा गया कि फंड की कमी है.. लेकिन दलालों का काम तेजी से हो रहे है.. भ्रष्टाचार तेजी से बढ़ रहा है.. इन्हीं सब बातों से दुखी होकर इस्तीफा दे रहा हूं..

यह इस्तीफे के लिए दिए गए पत्र के कुछ सारांश है जो सुवासरा के कांग्रेसी विधायक हरदीप सिंह डंग ने लिखे हैं। अपने इस्तीफे के दौरान उन्होंने कई ऐसी बातों का उल्लेख किया है जो सुनने और पढ़ने में चौंकाने वाली है । उन्होंने यह भी कहा कि मैं किसी भी गुट से नहीं हूं केवल कांग्रेस कार्यकर्ता के रूप में कार्य कर रहा हूं , इसलिए मुझे विकास कार्य में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। हरदीप सिंह डंग के इस्तीफे से कांग्रेस दंग रह गई है। कांग्रेस के इस दबंग विधायक में 5 साल पहले भी परचम लहराया था जब पूरे मध्य प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की लहर चल रही थी उस समय उज्जैन संभाग की 29 सीटों में से केवल एक सीट पर कांग्रेस का परचम फहराने वाले हरदीप सिंह डंग ही थे । हरदीप सिंह डंग के इस्तीफे से पूरे मध्यप्रदेश में सियासी भूचाल आ गया है । वर्तमान में मध्यप्रदेश की विधानसभा में 230 सीटें हैं । इनमें से दो सीटें वर्तमान में खाली है। इस प्रकार 228 में से 114 सीट बहुमत के लिए जरूरी है । वर्तमान में कांग्रेस के पास 112 विधायक हैं। इसके अलावा चार निर्दलीय विधायक और एक सपा तथा दो बसपा विधायकों का समर्थन भी कांग्रेस को है । निर्दलीय विधायकों के बयान अलग-अलग प्रकार से सामने आ रहे हैं । इससे भी कांग्रेस की चिंता बढ़ गई है। इसके अलावा हरदीप सिंह के इस्तीफे से कांग्रेस की सीट और कम हो जाएगी, फिलहाल इस्तीफे औपचारिक रूप से मंजूर नहीं किया गया है लेकिन कांग्रेसी विधायक के पत्र ने सनसनी जरूर फैला दी है । फिलहाल मध्यप्रदेश में सियासी परिवर्तन को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म है । गौरतलब है कि मार्च के माह में ही राज्यसभा के भी चुनाव होना है। ऐसी स्थिति में सत्ता परिवर्तन होने पर एक बार फिर भाजपा 2 सीटों पर काबिज हो सकती है । वर्तमान में 2 सीटें बीजेपी के पास है जबकि एक सीट कांग्रेस के पास है । अभी भी कांग्रेस के तीन विधायक लापता बताए जा रहे हैं। दूसरी तरफ कांग्रेस के नाराज विधायकों को मनाने का दौर भी चल रहा है। अब कमलनाथ सरकार पर छाया संकट को लेकर समय ही सब कुछ तय करेगा।

Leave a Reply

error: