उज्जैन। उज्जैन पुलिस अधीक्षक सचिन कुमार अतुलकर के नेतृत्व में पुलिस को एक बड़ी सफलता हाथ लगी है। पुलिस एक बड़ा सनसनीखेज खुलासा करने जा रही है। उज्जैन में एंबुलेंस का उपयोग गैरकानूनी काम में किया जा रहा था । जमात से लौट रहे लोगों को एंबुलेंस में छिपाकर लाॅक डाउन के नियमों का उल्लंघन करते हुए गंतव्य तक पहुंचाया जा रहा था।
पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक उज्जैन के सरकारी अस्पताल के एंबुलेंस के प्रभारी सरफराज अहमद पिता सिराज अहमद निवासी कार्तिक चौक उज्जैन को पुलिस ने हिरासत में लिया है। पुलिस को पुख्ता तौर पर यह सूचना मिली है कि लॉक डाउन के दौरान जमात से लौट रहे कुछ लोगों को एंबुलेंस में छुपा कर सरफराज के निर्देश पर ठिकानों पर पहुंचाया था। एंबुलेंस का उपयोग आमतौर पर घटना दुर्घटना के दौरान होता है लेकिन लॉक डाउन के दौरान एंबुलेंस का गलत उपयोग किया गया है। इस मामले में पुलिस मुकदमा भी दर्ज कर लिया है।
पुलिस सूत्रों के मुताबिक एंबुलेंस प्रभारी सरफराज के खिलाफ स्वास्थ्य विभाग भी कार्रवाई कर सकता है। इस पूरे मामले को लेकर वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने भी चुप्पी साध रखी है। पुलिस अधिकारियों ने इतना जरूर कहा है कि पूरे मामले की जांच की जा रही है। उज्जैन के सरकारी जिला चिकित्सालय के एंबुलेंस प्रभारी को क्राइम ब्रांच के पुलिसकर्मियों ने उठाया है। जब सरफराज को पुलिस ने हिरासत में लिया तो अस्पताल में सनसनी फैल गई। पुलिसकर्मियों ने अस्पताल परिसर में वाहन प्रभारी सरफराज को सबक भी सिखाया। अब पुलिस सरफराज से कड़ी पूछताछ कर रही है। हालांकि इतना जरूर सामने आया है कि जिन लोगों को लाॅक डाउन के दौरान गंतव्य पर पहुंचाया गया है , वे निजामुद्दीन मरकज से नहीं लौटे थे । हालांकि वे बुराहनपुर जमात से लौटे लेकिन सरफराज को गैरकानूनी काम नहीं करना था । अब पुलिस एंबुलेंस पर भी निगाह रख रही है । सरकारी अस्पताल के साथ-साथ निजी चिकित्सालय की एंबुलेंस पर भी पुलिस की निगाह टिक गई है। जिन लोगों को एंबुलेंस पर बिठा कर ले जाया गया था उन्हें भी पुलिस नेे खोज लिया है। पुलिस ने एंबुलेंस चालक की भूमिका स्पष्ट करने के बाद भगवान नामक वाहन चालक की शिकायत पर ही प्रभारी के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। अभी सरफराज से कड़ी पूछताछ की जा रही है। पुलिस ने उसकी औपचारिक गिरफ्तारी नहीं ली है।