उज्जैन। जीवन दूत बनने वाली एंबुलेंस का उपयोग सरफराज ने गैर कानूनी ढंग से करते हुए एक बड़ा प्रश्न चिन्ह खड़ा कर दिया है । सरफराज उज्जैन कलेक्टर शशांक मिश्र और पुलिस अधीक्षक सचिन कुमार अतुलकर के साथ-साथ स्वास्थ्य विभाग की सारी मेहनत पर पानी फेरने की नाकाम कोशिश कर रहा था। अब कोतवाली थाना पुलिस को आरोपी की तलाश है।
महाराष्ट्र और बुरहानपुर की बॉर्डर पर 40 दिन की जमात के कार्यक्रम से लौट रहे 11 लोगों को एंबुलेंस में छुपा कर अपने ठिकाने पर पहुंचाने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। इस पूरे मामले में कोतवाली थाना पुलिस ने सरफराज अहमद पिता सिराज अहमद निवासी कार्तिक चौक के खिलाफ महामारी की धारा और कलेक्टर के आदेश के उल्लंघन का मामला दर्ज किया है।
उज्जैन में लॉक डाउन के दौरान अभी तक का यह सबसे सनसनीखेज मामला है। उज्जैन कमिश्नर आनंद शर्मा, आईजी राकेश गुप्ता, कलेक्टर शशांक मिश्र, अधीक्षक सचिन कुमार अतुलकर, मुख्य स्वास्थ्य एवं चिकित्सा अधिकारी डॉ अनसुईया गवली सहित जिला प्रशासन के आला अधिकारी और स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी दिन रात कोरोना से लड़ने के लिए मेहनत कर रहे हैं लेकिन सरफराज सब की मेहनत पर पानी फेरने की नाकाम कोशिश कर रहा था। कोतवाली थाना प्रभारी सतनाम सिंह ने बताया कि आरोपी सरफराज के खिलाफ कई धाराओं में मामला दर्ज किया गया है । अभी प्रकरण की विवेचना जारी है।
