आज से मिलेगी राहत लेकिन 14 मई तक खुलेगा पूरा लाॅक डाउन!

दिल्ली/भोपाल। लाॅक डाउन के 21 दिन मंगलवार को पूरे हो रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक माह में चौथी बार देश के नाम संबोधन करने जा रहे हैं। ऐसी संभावना है कि प्रधानमंत्री के संबोधन में राहत तो जरूर मिलेगी लेकिन पूरा लाॅक डाउन 14 मई तक चरणबद्ध तरीके से खोला जाएगा। 

 कोरोना के कहर के चलते देश में 21 दिन का लॉक डाउन किया गया था। मंगलवार को लॉक डाउन पूरा हो रहा है। मंगलवार सुबह 10 बजे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश के नाम संबोधन देंगे। इस संबोधन में कई महत्वपूर्ण बातों का जिक्र हो सकता है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक फिलहाल देश की 12000 ट्रेन बंद ही रहेगी। इसके अतिरिक्त जरूरी वस्तुओं की कुछ दुकानों को छूट मिल सकती है । इतना ही नहीं 15 अप्रैल से किसानों की फसल खरीदी नए तरीके से शुरू की  जा सकती है। किसानों की फसल खरीदने के लिए ऑनलाइन पद्धति को भी बढ़ावा दिया जा रहा है। गौरतलब है कि एमपी के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी इसकी पहले ही घोषणा कर चुके हैं। देश के लगभग 9 राज्य लाॅक डाउन को बढ़ाने की पैरवी कर चुके हैं । इनमें से कई राज्यों ने तो लाॅक डाउन को 30 अप्रैल तक आगे भी बढ़ा दिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने उद्बोधन चीन और दूसरे देशों का उदाहरण भी दे सकते हैं । इसके अतिरिक्त लाॅक डाउन को चरणबद्ध तरीके से खोलने की घोषणा भी हो सकती है। बताया जाता है कि पूरे देश में एक साथ लाॅक डाउन नहीं खोला जाएगा। हालांकि 14 मई तक पूरा लाॅक डाउन खोलने की रणनीति तैयार की गई है। हालांकि यह सब कुछ कोरोना वायरस के फैलने की गति और उसके दुष्प्रभाव पर बहुत कुछ निर्भर करेगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कई ऐसे उद्योगों को खोलने की अनुमति भी दे सकते हैं जो रोजमर्रा की जरूरतों को पूरा करने वाली वस्तुओं का निर्माण करते हैं तथा सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए उद्योग चलाने का प्लान बना चुका है।

उज्जैन और इंदौर को बड़ी राहत मिलना मुश्किल

 प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जय उद्बोधन में ऐसे स्थानों अधिक राहत मिल सकती है। जहां खुराना का प्रभाव कम है या बिल्कुल नहीं है । हालांकि ऐसी जगह पर प्रधानमंत्री की ओर से छूट दी जाना मुश्किल समझी जा रही है । जहां पर कोरोना के हॉट स्पॉट है । उदाहरण के लिए मध्यप्रदेश के इंदौर , उज्जैन और भोपाल को अधिक राहत मिलने की संभावना नहीं है। हालांकि सभी जिलों की सीमाएं तो फिलहाल सील ही रखी जा सकती है । यह बात अलग है परिस्थिति देखते हुए धीरे-धीरे सीमाओं को भी खोला जा सकता है। 

Leave a Reply

error: