भोपाल । कांग्रेस की सरकार गिराकर भाजपा की सरकार बनवाने में महती भूमिका निभाने वाले पूर्व केंद्रीय मन्त्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को मंत्रिमंडल के गठन में तगड़ा झटका लगने के संकेत है । पहला मौका होगा जब उनकी मर्जी की राज्य सरकार होगी लेकिन न तो उनके प्रभाव क्षेत्र ग्वालियर से कोई समर्थक मन्त्री होगा और न ही उनकी लोकसभा क्षेत्र से ।
सिंधिया ने अपनी उपेक्षा का आरोप लगाते हुए प्रदेश की कमलनाथ सरकार गिराने में महती भूमिका अदा की थी । जिन 22 विधायको ने इस्तीफा दिए उनमें से 16 सिंधिया के कट्टर समर्थक थे । इनके कारण ही कमलनाथ सरकार सदन में संख्याबल खो बैठी और सरकार गिर गई लेकिन अभी नई सरकार में इक्का दुक्का तबादलों को छोड़कर सिंधिया वैसा प्रभाव नही दिखा सके जैसा कांग्रेस में था ।
कमलनाथ सरकार में ग्वालियर चम्बल संभाग में सिंधिया का एकछत्र राज्य था । हालांकि उनके विरोधी माने जाने वाले डॉ गोविंद सिंह और लाखन यादव जैसे दो लोग मंत्री भी थे लेकिन सिंधिया के छह समर्थक इमारती देवी, प्रद्युम्न सिंह और महेंद्र सिसोदिया उनके अपने इलाके से मन्त्री थे जबकि सागर से गोविंद राजपूत, इंदौर से तुलसी सिलावट और रायसेन से प्रभुराम चौधरी मंत्री थे । ये लोग सिर्फ मन्त्री ही नही थे बल्कि सारे बड़े विभाग जैसे राजस्व, परिवहन, महिला एवं बाल विकास, शिक्षा, स्वास्थ्य और श्रम मंत्रालय इन्हीं थे ।
माना जा रहा था कि सरकार गिराने के बदले जो डील हुई उसमें महराज को राज्यसभा और केंद्र में मन्त्री पद और सभी पूर्व मंत्रियों को मंत्री पद तथा इस्तीफा देने वालो को भाजपा का टिकिट देने की बात तय हुई थी ।
लेकिन कोरोना संकट के चलते सीएम के रूप में शिवराज सिंह ने अकेले शपथ ले ली क्योंकि मंत्रिमंडल को लेकर एकराय नही बन सकी । भाजपा चाहती थी कि फिलहाल केबिनेट छोटी हो जिसमें बमुश्किल 5 लोग हो । जबकि सिंधिया चाहते थे कि उनके सभी छह लोग एक साथ मन्त्री बने। इसको लेकर सिंधिया अमित शाह से लेकर जेपी नड्डा और राजनाथ सिंह तक सबसे मिल चुके है और माना जा रहा था कि बात बन जाएगी लेकिन अब उल्टा होता दिख रहा है ।
सूत्र कह रहे है कि मंगलवार को मंत्रिमंडल की शपथ होगी और इसमें कुल जमा पांच ही लोग शपथ लेंगे जिनमे सिंधिया के सिर्फ दो लोग तुलसी सिलावट और गोविंद राजपूत होंगे । बाकी तीन में नरोत्तम मिश्रा , कमल पटेल , मीना सिंह होंगी । इस तरह एक तो डर मिश्रा और मीना सिंह का आँचल में रुतबा बढ़ जाएगा और ग्वालियर और गुना संसदीय क्षेत्र से फिलहाल कोई भी सिंधिया समर्थक मन्त्री नही बन पाएगा जो सिंधिया के लिए बड़ा झटका होगा ।
हालांकि अभी ये सब कयास ही है और सीएम ने अभी तक अपने पत्ते नही खोले है । इस बीच इमारती देवी ने एक चैनल से चर्चा में दावा किया कि 25 अप्रैल को मंत्रिमंडल शपथ लेगा और वे उसमें शामिल होंगी । भाजपा सूत्रों का कहना है कि जल्द ही शिवराज मंत्रिमंडल का विस्तार करेंगे उसमें सिंधिया के बाकी लोग भी शामिल हो जाएंगे।
इनको मिलनी चाहिए थी जगह- बिसाहू लाल साहू, राजवर्धन सिंह दत्तीगांव, भूपेन्द्र सिंह, गोपाल भार्गव, पारस जैन, रमेश मेंदोला, विश्वास सारंग, इमरती देवी, प्रद्युम्न सिंह तोमर, प्रभु लाल, गौरी शंकर बिसैन, रामपाल सिंह, यशोधरा राजे सिंधिया को मंत्री मंडल में स्थान मिलने की पूरी उम्मीद है लेकिन मंत्रिमंडल का आकार ही सरकार के इन चेहरो का भविष्य तय करेगा।