सैकड़ों लोगों की जान बचाने वाले इंस्पेक्टर यशवंत पाल शहीद

उज्जैन। उज्जैन के नीलगंगा थाना प्रभारी ने अपने प्राणों की आहुति देकर भी सैकड़ों लोगों की जान बचा ली । उनके प्रयासों से ही नए शहर में कोरोना वायरस नहीं फैल पाया। हालांकि इस उपलब्धि के लिए पुलिस विभाग को एक जिम्मेदार और होनार पुलिस अधिकारी के प्राणों की आहुति देना पड़ी।

नीलगंगा थाने के प्रभारी इंस्पेक्टर यशवंत पाल की बहादुरी और ईमानदारी के किस्से पुलिस विभाग में मशहूर है । श्री पाल सहज, सरल और हंसमुख स्वभाव के धनी थे। जब उन्हें पता चला कि अंबर कॉलोनी में पॉजिटिव मरीज की मौत हो गई है तो उन्होंने सबसे पहले पहुंचकर पूरे एरिया को सील करवा दिया। उस समय उज्जैन में कोरोना पॉजिटिव दूसरे व्यक्ति की मौत हुई थी। ऐसी स्थिति में इस्पेक्टर यशवंत पाल ने उन सभी दायित्वों का निर्वहन किया, जिसकी वजह से आसपास के लोगों को कोरोना ग्रसित होने से बचाया जा सके। टीआई के प्रयासों के कारण पूरा इलाका संक्रमित होने से बच गया। हालांकि टीआई यशवंत पाल स्वयं संक्रमित होने से नहीं बच पाए। यशवंत पाल की तबीयत बिगड़ने के बाद  यह शंका हुई कि वह  करोना ग्रसित हो सकते हैं । इसके बाद उनका सैंपल लिया गया । इस बात की जानकारी लगने के बाद 6 अप्रैल को टीआई कोरोना पॉजिटिव आए । इसके बाद से ही उनका लगातार उपचार चल रहा था। मंगलवार सुबह अमंगल हो गया और यशवंत बाल ने अपने प्राण त्याग दिए। टीआई यशवंत पाल ऐसे सज्जन इंस्पेक्टर जिन्हें लोग वर्षों तक याद रखेंगे। उन्होंने हमेशा गरीब और जरूरतमंदों की मदद की है, इसके अलावा कभी भी कर्तव्य परायणता में वे पीछे नहीं हटे। तीन सितारा अधिकारी स्वर्गीय यशवंत पाल को उज्जैन चर्चा की ओर से नमन।

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