उज्जैन। जिस शहर में अनजान के आंसू टपकने पर भी सैकड़ों लोग खड़े हो जाते थे… आज उस धार्मिक नगरी उज्जैन में आंसू पहुंचने वाला तो ठीक लाश को घर पहुंचाने वाला भी नहीं मिल पा रहा है… कोरोना के कहर के बीच एक शर्मसार कर देने वाली खबर देखिए।
कोरोना में लोगों को डरा ही नहीं दिया है बल्कि बेबस भी कर दिया है… इसका जीता जागता उदाहरण उज्जैन के चैरिटेबल हॉस्पिटल के मुख्य द्वार पर पड़ी इस लाश को देखकर लगाया जा सकता है। लोगों के मुताबिक दोपहर 2 बजे से यह लाश स्ट्रेचर पर पड़ी हुई है लेकिन इसे अस्पताल से ले जाने के संबंध में कोई जानकारी नहीं मिल पा रही है। इस लाश के साथ-साथ कई ऐसे सवाल खड़े हैं जिसका जवाब इसलिए नहीं मिल पा रहा है। क्योंकि शव के पास कोई दिखाई नहीं दे रहा है ।यह समझ नहीं आ रहा है कि महिला कौन है ? और उसे अस्पताल में क्यों भर्ती कराया गया था ? इलाके के लोग बताते हैं कि महिला उज्जैन के जांसापुरा इलाके की होने की जानकारी आ रही है मगर पुख्ता तौर पर कोई भी दावा नहीं किया जा रहा है। यह भी कहा जा रहा है कि मृतका बोहरा समाज से जुड़ी है किंतु नाम पता सामने नहीं आने की वजह से इस बात पर भी प्रश्नचिन्ह खड़ा हो गया है। उल्लेखनीय है कि चैरिटेबल अस्पताल की महिला कर्मचारी भी कोरोना से संक्रमित हो चुकी है। महिला कर्मचारी संक्रमित होने के बाद अस्पताल के दूसरे कर्मचारी सहमे हुए हैं । यही वजह है कि अस्पताल में कोई मदद करने वाला नहीं है । कुछ लोगों का कहना है कि महिला के साथ एक व्यक्ति जरूर देखा गया था मगर वह भी लापता हो गया है । अब जिला प्रशासन ही पूरे मामले की जानकारी हासिल कर सही स्थिति पता कर पाएगा, मगर इतना तो तय हो गया है कि अगर अभी भी लोगों ने सरकारी गाइडलाइन का पालन नहीं किया तो आने वाले दिनों में और भी बुरी तस्वीरें देखने को मिल सकती है।यह खबर आने के बाद रात करीब 11 बजे शव वाहन और पुलिस वाहन अस्पताल पहुंचा और लाश को वाहन में रख कर रवाना किया गया।