10 लाख भी लग जाए तो मुझे आर्डी गार्डी से निकालो..

उज्जैन। उज्जैन के कलेक्ट्रेट में पदस्थ धर्मेंद्र जोशी ने फोन पर कहा था कि ₹1000000 भी लग जाए तो चिंता की बात नहीं है लेकिन आरडी गार्डी से किसी भी कीमत पर निकलना है.. वे लगातार इंदौर में उपचार की मांग उठा रहे थे.. यह खुलासा धीरे-धीरे सामने आ रहा है। 

कोरोना ने भले ही धर्मेंद्र जोशी की जान ले ली हो लेकिन इसके लिए आरडी गार्डी की अव्यवस्थाओं को भी काफी हद तक जिम्मेदार ठहराया जा रहा है । आरडी गार्डी के अंदर के वीडियो वायरल हो रहे हैं, जहां चारों तरफ गंदगी फैली हुई है । सैफी मोहल्ला में रहने वाले अजीज नामक मरीज ने कहा कि आरडी गार्डी में कोई व्यवस्था नहीं है। उन्होंने विडियो तक वायरल किए हैं। इसके अलावा वीडियो में यह भी कहा गया है कि कोरोना से भले ही मरीज मरे या ना मरे लेकिन अस्पताल में फैली गंदगी से जरूर मर जाएगा। इस प्रकार आरडी गार्डी मेडिकल कॉलेज पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं । गौरतलब है कि उज्जैन में एक मात्र आरडी गार्डी मेडिकल कॉलेज है, जहां दर्जनों पॉजिटिव मरीजों का उपचार चल रहा है। आरडी गार्डी पर आरोप लगने का सिलसिला कोई नया नहीं है । उज्जैन के आरडी गार्डी मेडिकल कॉलेज में लक्ष्मी बाई  निवासी दानीगेट की सबसे पहली मौत हुई थी और तब अस्पताल के आईसीयू ताले तक नहीं खुल पाए थे। इसके बाद लगातार आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला जारी है। आरडी गार्डी मेडिकल कॉलेज की अव्यवस्थाओं को लेकर प्रशासनिक अधिकारी भी चिंतित हैं लेकिन सवाल यह उठ रहा है कि व्यवस्थाएं कब सुधरेगी ? अब तो शिकायतें सरकार तक पहुंचने लगी है। उज्जैन ही नहीं बल्कि आसपास के जिलों के कोरोना पॉजिटिव मरीज को भी यहीं पर भर्ती कराया जा रहा है। यहां के चिकित्सा कर्मी भी लगातार नदारद रहे हैं । चार चिकित्सा कर्मियों के खिलाफ उज्जैन कलेक्टर के आदेश पर f.i.r. तक हो चुकी है । इसके बावजूद भी शिकायतों की झड़ी लगी हुई है ।

धर्मेन्द्र जोशी परिवार को मदद का इंतजार

 कर्मचारी संगठनों ने धर्मेंद्र जोशी के परिवार को मदद दिलाने के लिए मोर्चा संभाल लिया है क्योंकि धर्मेंद्र जोशी की भी कोरोना काल में आवश्यक परिस्थितियों में ड्यूटी लगी थी इसलिए उन्हें भी कर्मवीर अवार्ड मिलना चाहिए। इसके अलावा उनके परिवार को नौकरी तथा आर्थिक मदद भी दी जाना चाहिए। इसे लेकर पत्र भी लिखा गया है इसके अलावा कर्मचारी संगठनों ने पीड़ित परिवार के स्वास्थ्य इंतजामों की भी फिक्र की है। 

अभी मैं जिंदा हूँ..

स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही के कारण सैफी मोहल्ला निवासी अजीज नामक व्यक्ति के मरने की खबर वायरल हो गई थी । अजीज ने खुद एक वीडियो जारी कर खुद को जिंदा बताया है। उसने आरडी गार्डी अस्पताल की अव्यवस्थाओं को भी उजागर करने का दावा किया है। उसका कहना है कि वह पूरी तरह स्वस्थ है और अभी उसकी कोरोना भी पोजिटिव या नेगेटिव की रिपोर्ट भी नहीं आई है। आर्डी गार्डी के अंदर वार्ड के गंदगी के फोटो…

 

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