उज्जैन। कोरोना का कहर अभी शहरी क्षेत्र में ज्यादा दिखाई दे रहा है लेकिन इसके दहशत गांव में अधिक है। उज्जैन जिले के घटिया थाने में ग्रामीणों ने एक साथ पहुंचकर मेडिकल कॉलेज प्रबंधन के खिलाफ आवेदन दिया है। पीड़ित लोगों का कहना है कि वे मेडिकल कॉलेज में कोरोना काल के दौरान नौकरी नहीं करना चाहते हैं लेकिन प्रबंधन उन्हें नौकरी करने के लिए दबाव बना रहा है।
उज्जैन के आरडी गार्डी कॉलेज में कार्यरत 2 कर्मचारियों ने ग्राम पंचायत के जनप्रतिनिधियों के साथ घटिया थाने पहुंचकर शिकायत की है। उनका कहना है कि वे कोरोना काल में नौकरी नहीं करना चाहते हैं लेकिन आरडी गार्डी मेडिकल कॉलेज प्रबंधन उन्हें 1 साल की जेल हो जाने की धमकी देकर दबाव बना रहा है। एक पीड़ित का कहना है कि वे किसी भी कीमत पर जाने को तैयार नहीं है। इसके लिए परिजन भी कॉलेज में ज्वाइन नहीं करने का मशविरा दे रहे हैं जबकि दूसरे ने अपने बचाव में कहा है कि उनकी पत्नी गर्भवती है और ऐसी स्थिति में वे मेडिकल कॉलेज में जाकर जान का जोखिम नहीं उठाना चाहते हैं । गौरतलब है कि कोरोना के चलते शहरी क्षेत्र में काफी पॉजिटिव सामने आ रहे हैं लेकिन कोरोना की दहशत का असली रूप गांव में देखने को मिल रहा है। घटिया थाने के पुलिस अधिकारियों ने भी बताया कि उनके पास आवेदन पहुंचा है। गौरतलब है कि आरडी गार्डी मेडिकल कॉलेज में ज्वाइनिंग को लेकर अपर कलेक्टर सुजान सिंह रावत लगातार कर्मचारियों की भी काउंसलिंग कर रहे हैं। इसके बावजूद कई कर्मचारी ज्वाइनिंग करने को तैयार नहीं है। मेडिकल कॉलेज में कर्मचारियों का वेतन भी काफी कम है। उनके काम के प्रति रुचि नहीं लेने की यह भी एक बड़ी वजह मानी जा रही है। उज्जैन कलेक्टर शशांक मिश्र ने चर्चा के दौरान बताया कि कोरोना महामारी को लेकर सरकार ने 50 लाख रूपए के बीमे की घोषणा की है । इस बीमा योजना की श्रेणी में सरकारी के साथ-साथ निजी कर्मचारी भी कवर हो रहे हैं।