उज्जैन। वार्ड क्रमांक 32 के बीजेपी पार्षद मुजफ्फर हुसैन की मौत ने कोरोना का भयानक रूप ही नहीं बताया बल्कि लोगों को एक बार फिर चेताया है कि अगर थोड़ी सी भी चूक हुई तो कोरोना पूरा खेल बिगाड़ने में वक्त नहीं लगाएगा। ऐसे हालात में आप जो लोग छूट की उम्मीद कर रहे हैं वे अपनी उम्मीदों से कुछ दिनों के लिए किनारा कर ले । संभावना है कि इस घटना के बाद रेड जोन के उज्जैन को कोई भी रियायत मिलने वाली नहीं दिखाई दे रही है।
धर्मिक नगरी उज्जैन में लगातार हो रही मौत ने स्वास्थ्य विभाग के साथ-साथ जिला प्रशासन और कोरोना योद्धाओं के सामने भी चिंता की लकीरें खींच दी है। उज्जैन में मौत के प्रतिशत की बात की जाए तो यह देश में काफी ऊंचे स्थान पर है जबकि मध्यप्रदेश की बात की जाए तो उज्जैन मौत के मामले में अव्वल है। यहां पर 32 लोगों की जान चली गई। अगर प्रतिशत के हिसाब से बात की जाए तो इंदौर और भोपाल उज्जैन की तुलना में काफी पीछे हैं । उज्जैन में लगभग 20% लोगों की मौत हो रही है । मतलब साफ है कि अगर जो लोग कोरोना से ग्रसित है तो उनमें से 20 लोगों की मौत हो रही है। यह प्रतिशत काफी चौकाने वाला है। इस बात को लेकर भी मंथन हो रहा है कि कहीं कोरोना वायरस का दूसरा घातक रूप तो उज्जैन में नहीं है। गौरतलब है कि अभी तक कोरोना वायरस के विश्व में कोरोना वायरस के अलग-अलग कई रूप सामने आ चुके हैं। इनमें से कुछ रूप काफी खतरनाक है। इन सबके बीच मंथन का दौर चल रहा है। दूसरी तरफ पार्षद मुजफ्फर हुसैन को रविवार दोपहर तक कोई तकलीफ नहीं होने की जानकारी मिली है। इसके बाद अचानक तबीयत बिगड़ जाना और फिर उनका दुखद निधन हो जाना, कई सवालों को जन्म दे रहा है। स्वास्थ्य विभाग और आर्डी गार्डी मेडिकल कॉलेज के हालात तो सुधरे हैं लेकिन कोरोना वायरस का खतरा लगातार बढ़ता जा रहा है । ऐसी स्थिति में उज्जैन में जिला प्रशासन द्वारा रियायत दी जाना मुश्किल दिखाई दे रहा है। हालांकि सर्वाधिकार जिला प्रशासन के पास है, मगर अभी कुछ और दिन सख्ती की बेहद जरूरत महसूस की जा रही है। ऐसा भी माना जा रहा है कि आने वाले कुछ दिनों में स्थिति बेहतर हो सकती है लेकिन अभी जिला प्रशासन ने रुख साफ नहीं किया है।
उज्जैन कलेक्टर शशांक मिश्र ने बातचीत की तो उन्होंने कहा कि अभी सभी बिंदुओं पर विचार किया जा रहा है। इसके अलावा जो भी निर्णय होगा, वह सार्वजनिक कर दिया जाएगा । इतना तो तय है कि प्रशासनिक अधिकारी अभी असमंजस में है। पार्षद की मौत के बाद सभी हिल गए है। स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन अपनी ओर से पूरी कोशिश कर रहा है लेकिन मौत का आंकड़ा कम होने का नाम नहीं ले रहा है। ऐसी स्थिति में अगर कोई उज्जैनवासी रियायत की उम्मीद है तो फिलहाल उम्मीदों पर पानी फिरता नजर आ रहा है । उज्जैन में सख्त लाॅॅक डाउन जारी रहने की संभावना है।