कोरोना से मौत, देर न हो जाए कहीं देर..!

उज्जैन। कोरोना से हो रही मौत की सबसे बड़ी वजह बीमारी बताने में देरी बताई जा रही है । अब उज्जैन में मरने वालों का आंकड़ा 47 पहुंच गया है लेकिन जो लोग कोरोना को लेकर भयभीत है वे अपने मन से डर पूरी तरह निकाल दें क्योंकि उज्जैन में लगभग 146 लोग ठीक होकर घर भी जा चुके हैं।

उज्जैन में कई दिनों के बाद करोना से मौत के दो मामले लगातार सामने आए इस पूरे मामले को लेकर स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का कहना है कि दोनों ही मरीजों की हालत पहले से ही काफी गंभीर हो चुकी थी। अब्दुल रजाक को 13 मई को सिविल हॉस्पिटल से आरडी गार्डी मेडिकल कॉलेज शिफ्ट किया गया था। इसके अलावा जियान मुस्तफा को गुरुवार को ही आरडी गार्डी मेडिकल कॉलेज में दाखिल करवाया गया। दोनों की रिपोर्ट उनकी मौत के बाद पॉजिटिव आई है। दरअसल अब्दुल रजाक निवासी बेगम बाग कॉलोनी और जियान मुस्तफा निवासी नयापुरा को आरडी गाड़ी मेडिकल कॉलेज में उपचार जरूर दिया जा रहा था लेकिन यह पता नहीं था कि उन्हें कोरोना पॉजिटिव है या नहीं। 

उज्जैन कलेक्टर आशीष सिंह बार-बार अपील कर रहे हैं कि लोग लक्षण दिखने पर खुलकर सामने आए लेकिन अभी भी कई जगह बीमारी छिपाने की बात भी सामने आ रही है। दोनों ही मामलों में देरी से मरीज सामने आ पाए। ऐसा नहीं होता तो शायद आज कुछ और ही परिस्थिति होती। ऐसा अक्सर देखने में आ रहा है कि जब भी लाॅक डाउन खुलने की स्थिति बनती है, तब उज्जैन में मामले पैनिक हो जाते हैं। गौरतलब है कि उज्जैन में 146 लोग ठीक हो कर घर जा चुके हैं । ऐसी परिस्थिति में लोगों को थोड़ा विश्वास जरूर करना पड़ेगा। अगर लक्षण देखने के बाद भी लोग सामने नहीं आते तो ऐसी स्थिति में उनके परिवार पर भी संकट खड़ा हो जाएगा लेकिन अगर वह सामने आ जाते हैं तो निश्चित तौर पर परिणाम कुछ और ही दिखाई देंगे। 

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