उज्जैन। उज्जैन का जब भी इतिहास लिखा जाएगा तब कोरोना काल का जिक्र जरूर होगा और इस कोरोना काल में ऐसे 2200 लोगों का भी जिक्र होगा, जिन्होंने समाज के दुश्मन बन कर लॉक डाउन तोड़ा तथा संक्रमण फैलाने की दृष्टि से लापरवाही बरती। ऐसा नहीं है कि वर्तमान समय में पुलिस केवल मुकदमा दर्ज कर औपचारिकता निभा रही है बल्कि ऐसे लोगों की लगातार सूची बनाई जा रही है जो लॉक डाउन तोड़ रहे हैं। ऐसे लोग कोरोना काल के बाद भी जिला प्रशासन और पुलिस विभाग के निशाने पर रहेंगे। देखिए रिपोर्ट।
कोरोना से निपटने के लिए सबसे बड़ा मंत्र उसकी चेन तोड़ना है। इसके लिए पूरे देश में लाॅक डाउन है। उज्जैन में भी लाॅक डाउन का सख्ती से पालन कराया जा रहा है। उज्जैन में नवागत कलेक्टर आशीष सिंह और एसपी मनोज कुमार सिंह ने लगातार लोगों से लॉक डाउन नहीं तोड़ने की अपील की। इसके बावजूद लॉक डाउन तोड़ने वालों में सैकड़ों लोग शामिल हो गए। लोगों को ऐसा भी लग रहा है कि लॉक डाउन तोड़ने पर पुलिस मुकदमा दर्ज करेगी और फिर वे आर्थिक दंड भर कर छूट जाएंगे लेकिन ऐसे लोग अपने गलतफहमी को दूर कर ले। जिला प्रशासन और पुलिस विभाग द्वारा ऐसे लोगों की पृथक सूची बनाई जा रही है जो अपराधिक प्रवृत्ति के हैं और हमेशा ही जिला प्रशासन और पुलिस विभाग के साथ-साथ आम लोगों के लिए परेशानी खड़ी करते रहते हैं। उन लोगों पर कोरोना काल के बाद जिला बदर और अन्य प्रतिबंधात्मक कार्रवाई की जाएगी । इसके अलावा जिन लोगों पर अभी मुकदमे दर्ज हुए हैं उन पर भी आगे प्रतिबंधात्मक कार्रवाई का सिलसिला जारी रहेगा। इसका सीधा मतलब है कि कोरोना काल में लापरवाही बरतने पर आपको पुलिस थाने और कोर्ट कचहरी के चक्कर लगातार लगाना पड़ेंगे ।
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अमरेन्द्र सिंह चौहान ने बताया कि उज्जैन में लाॅक डाउन के दौरान अभी तक लगभग 2200 मामले दर्ज हुए हैं जबकि नवागत पुलिस अधीक्षक मनोज कुमार सिंह के कार्यकाल में लगभग 1050 मुकदमे दर्ज किए गए हैं । उज्जैन में लाॅक डाउन का सख्ती से पालन हो इसके लिए जिला प्रशासन , पुलिस महकमा और नगर निगम प्रशासन पूरी ताकत के साथ जुटा हुआ है । नगर निगम प्रशासन सब्जियां तक घर पर पहुंचा रहा है। इसके अलावा किराने की भी होम डिलीवरी हो रही है ।
जिला प्रशासन और नगरीय प्रशासन मिलकर जरूरत के सामान को घरों पर उपलब्ध करा रहे हैं। ऐसे में भी कतिपय लोग लाॅक डाउन का उल्लंघन कर लोगों के लिए मुश्किलें खड़ी कर रहे हैं। यही वजह है कि उनकी सूची अलग से तैयार हो रही है। कोरोना काल खत्म होने के बाद लॉक डाउन तोड़ने वालों को अलग से भी दंडित किया जाएगा। इसे लेकर जिला प्रशासन और पुलिस लगातार रणनीति बना रहा है ।
उज्जैन कलेक्टर आशीष सिंह और एसपी मनोज कुमार सिंह ने लोगों से अपील की है कि वे संभल जाएं और सरकारी गाइड लाइन का पूरी तरह पालन करें। ऐसा नहीं करने पर परिणाम भुगतने के लिए भी तैयार रहें । जिला प्रशासन सीधे-सीधे कड़ी चेतावनी दे रहा है। उज्जैन में संक्रमण फैलने के पीछे लाॅक डाउन तोड़ना एक बड़ा कारण बन कर सामने आया है, इसी वजह से सरकार ने भी अधिकारियों को भी कार्यवाही के लिए फ्री हैंड दे दिया है।