आखिरकार ईमानदारी की कीमत तो है..

उज्जैन।  सेवानिवृत्त आईपीएस अधिकारी डॉ रमण सिंह सिकरवार को राज्यपाल के आदेशानुसार लोक सेवा आयोग का सदस्य नियुक्त किया है डॉक्टर सिकरवार ऐसे अधिकारी हैं जिनकी पुलिस महकमे में ईमानदारी की कसमें खाई जाती है। 

पुलिस महानिरीक्षक के पद से रिटायर्ड हुए डॉ रमण सिंह सिकरवार को एक और महत्वपूर्ण जिम्मेदारी मिली है। उन्हें लोक सेवा आयोग का सदस्य बनाया गया है। यह आदेश जारी होने के बाद डॉक्टर सिकरवार को बधाई देने वालों का तांता लग गया। डॉक्टर सिकरवार पुलिस महकमे में रहकर भी एक ऐसी मिसाल बने रहे जिनकी ईमानदारी की आज भी कसमें खाई जाती है। उन्होंने लगभग 33 साल की सेवाएं पुलिस महकमे में दी। इस दौरान उनके अट्ठाविस तबादले हुए। उन्होंने कभी भी तबादले की परवाह नहीं की और अपने उसूलों के खिलाफ जाकर काम नहीं किया। उज्जैन के बसंत विहार में रहने वाले डॉक्टर सिकरवार मूल रूप से ग्वालियर के निवासी हैं । हालांकि भगवान महाकाल की नगरी से वे लंबे समय से जुड़ गए हैं। राजाधिराज महाकाल के भक्त डॉक्टर सिकरवार एक अधिकारी है जिनकी पुलिस महकमे में ही नहीं बल्कि राजनेताओं के बीच भी एक अलग ही छवि रही है। उन्होंने पूरी दबंगई के साथ नौकरी की है। 

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