उज्जैन के लिए संजीवनी बूटी बना आयुर्वेदिक अस्पताल

उज्जैन। अपनी जान की परवाह किए बिना कोरोना योद्धा के रूप में आयुर्वेदिक अस्पताल के कर्मचारियों और अधिकारियों ने जिस प्रकार से सेवाएं देकर उज्जैन वासियों के जीवन की रक्षा की है। यह इतिहास के पन्नों पर दर्ज हो गया है। उज्जैन के आयुर्वेदिक अस्पताल में एक बार फिर ओपीडी सहित समस्त सेवाएं पूर्वा अनुसार शुरू कर दी है, जिसका लाभ हजारों की संख्या में लोग उठा रहे हैं। 

कोरोना काल में उज्जैन में जब निजी अस्पतालों ने हाथ टेक दिए, उस समय उज्जैन का आयुर्वेदिक अस्पताल उन लोगों के लिए संजीवनी बूटी बन गया जिन्हें मेडिकल सेवाओं की आवश्यकता की। आयुर्वेदिक अस्पताल के कर्मचारी, अधिकारियों और विद्यार्थियों ने भी कोरोना काल में अपनी जान की परवाह किए बिना लोगों की मदद की। आयुर्वेदिक महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ जेपी चौरसिया और धनवंतरी आयुर्वेदिक अस्पताल के अधीक्षक डॉ ओपी शर्मा ने डॉक्टर ओपी शर्मा ने बताया कि एक बार फिर आयुर्वेदिक अस्पताल में पूर्व अनुसार सेवाएं शुरू कर दी गई है। अस्पताल में एक तरफ जहां ओपीडी के माध्यम से उपचार किया जा रहा है वहीं दूसरी तरफ प्रसव इकाई भी शुरू कर दी गई है।

उल्लेखनीय है कि आयुष मंत्रालय के निर्देश अनुसार उज्जैन में आयुर्वेदिक अस्पताल के चिकित्सा कर्मियों और चिकित्सकों ने संवेदनशील इलाकों (कंटेंटमेंट एरिया) में भी जाकर काढ़ा वितरण किया । इसके अलावा आयुष मंत्रालय द्वारा दी जाने वाली काढ़े के पैकेट भी पहुंचाए । अस्पताल की सेवाओं के कारण उज्जैन जिले में सैकड़ों की संख्या में लोग कोरोना संक्रमित होने से बच गए। जिस प्रकार से काढ़ा वितरण किया गया उसका सेवन अभी तक लोग कर रहे हैं ।

उज्जैन शहर ही नहीं आसपास के इलाकों में भी काढ़े का वितरण किया गया। इसके अलावा सीमित संसाधनों के बीच अस्पताल की पूरे शहर में गोलियां भी वितरित की। सम्शमनी वटी नामक गोली के माध्यम से भी सैकड़ों की संख्या में लोगों को संक्रमित होने से बचाए जाकर उनकी प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाई गई ।

उल्लेखनीय की स्वास्थ्य (एलोपैथिक) विभाग के पास सीमित स्टॉफ होने की वजह से बड़ी संख्या में लोगों को सेवाएं नहीं पहुंच पाती लेकिन आयुर्वेदिक अस्पताल में (एलोपैथिक) स्वास्थ्य विभाग के कंधे से कंधा मिलाकर भी अपनी सेवाओं को जारी रखा, जिसके बाद लोगों की दोगुना मदद की जा सकी। डॉक्टर ओपी शर्मा ने बताया कि आगे भी आयुर्वेदिक अस्पताल द्वारा प्रदेश सरकार और केंद्र सरकार की मंशा के अनुरूप लोगों को लाभ पहुंचाया जाएगा। उन्होंने बताया कि अभी भी काढ़ा वितरण कार्य चल रहा है । प्राचार्य डॉक्टर जे पी चौरसिया के मुताबिक कोरोना काल में अस्पताल महाविद्यालय के  200 कर्मचारियों और अधिकारियों के साथ-साथ 100 विद्यार्थियों ने भी पूर्ण रूप में जो कार्य किया है वह सराहनीय है। 

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