अब मिल मजदूरों का दर्द कैबिनेट में उठाएंगे ये मंत्री..!

भोपाल/ उज्जैन । मिल मजदूरों का दर्द क्या होता है ? यह बात मिल मजदूर के परिवार से जुड़े किसी भी सदस्य से भलीभांति कौन जान सकता है ? अब उज्जैन के मिल मजदूरों की आवाज कैबिनेट में गुंजायमान होगी। जी, हां उज्जैन के मिल मजदूर परिवार से जुड़े विधायक मोहन यादव कैबिनेट मंत्री का दर्जा मिल गया है। देखिए पूरी खबर। 

उज्जैन में एक समय था.. जब धार्मिक नगरी के साथ-साथ मिलों के शहर के नाम से भी जाना जाता था। उज्जैन में हीरा मिल, विनोद मिल, नजर अली मिल और जब मिलो की बात होती थी तो गिनती रुकते नहीं थी लेकिन धीरे-धीरे मिल बंद हो गए । मिल में काम करने वालों के परिवार ने काफी संघर्ष किया मगर उनकी मेहनत की पूंजी उन्हें नहीं मिल पाई ।

यह बात अलग है कि मिल मजदूर परिवार से जुड़े शिवराज सरकार के एक होनहार मंत्री अब कैबिनेट में मजदूरों के हक की लड़ाई लड़ने की ठान चुके हैं। उज्जैन के विधायक मोहन यादव के पिता पूनम चंद यादव मिल मजदूर रह चुके हैं। श्री यादव ने मिल मजदूर के परिवार का दर्द बड़े करीब से देखा है । उनके पिता ने सालों तक मिल में मजदूरी की। इसी मजदूरी की राशि से मोहन यादव ने अपनी शिक्षा ग्रहण की । इसके बाद उन्होंने व्यवसाय के साथ-साथ राजनीति के क्षेत्र में भी कदम आगे बढ़ाया। विद्यार्थी परिषद से शुरू हुआ उनका राजनीतिक सफर मध्य प्रदेश के कैबिनेट मंत्री के रूप में आगे बढ़ा है। हालांकि विधायक मोहन यादव संगठन में कई महत्वपूर्ण पदों पर भी कार्य कर चुके हैं । उन्हें विद्यार्थी परिषद में महामंत्री बनाया गया था। इसके बाद बीजेपी में भी वे महामंत्री रह चुके हैं ।

जब भी उनसे मंत्री पद की बात की जाती थी तो गए हंस कर टाल देते थे। वे सभी से यही बात कहते थे कि वे तो महामंत्री पद पर शुरू से रहे हैं फिर मंत्री पद की चिंता किसलिए करना है। हालांकि पार्टी ने उनकी चिंता की और उन्हें कैबिनेट मंत्री बनाया है। कैबिनेट मंत्री मोहन यादव ने अपनी प्राथमिकताएं तैयार कर ली है। इसमें सबसे महत्वपूर्ण बिंदु उज्जैन के मिल मजदूर परिवारों को उनका हक दिलाना है। इसके अलावा रोजगार, व्यवसाय से लेकर उज्जैन के विकास को लेकर किस प्रकार से कदम उठाए जाएं इसलिए भी कैबिनेट मंत्री मोहन यादव अपनी रणनीति तैयार करेंगे। जब मोहन यादव उज्जैन विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष बने थे, उस समय तक प्राधिकरण की ज्यादा पूछ परख नहीं होती थी लेकिन उनके कार्यकाल के बाद उज्जैन विकास प्राधिकरण अध्यक्ष का पद काफी महत्वपूर्ण पद बन कर उभरा है। पद को व्यक्ति से पहचान दिलाने का काम भी कैबिनेट मंत्री मोहन यादव ने किया है। यही वजह है कि उज्जैन को उनसे काफी उम्मीद है।

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