महाकाल मंदिर के फैसले को लेकर मंत्री जी नाराज !

उज्जैन। प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग भगवान महाकालेश्वर के दरबार में मध्यप्रदेश के बाहर के श्रद्धालुओं के प्रवेश पर रोक लगाए जाने के फैसले को लेकर कैबिनेट मंत्री मोहन यादव नाराज हैं। वे इस पूरे मामले को लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से बात करेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि उज्जैन में शनिवार-रविवार के स्थान पर किसी अन्य दिन लॉकडाउन रखा जाना चाहिए। 

उल्लेखनीय है कि कोरोना के बढ़ते हुए कदम को रोकने के लिए महाकालेश्वर मंदिर में मध्यप्रदेश के बाहर के श्रद्धालुओं के प्रवेश पर रोक लगा दी गई थी। इस फैसले को लेकर मुख्यमंत्री के सामने कैबिनेट मंत्री मोहन यादव अपनी बात गुरुवार को रखेंगे। कैबिनेट मंत्री मोहन यादव ने “उज्जैन चर्चा” से बातचीत के दौरान कहा कि कश्मीर से कन्याकुमारी तक और बनारस से केदारनाथ तक किसी भी मंदिर में इस प्रकार की रोक नहीं लगाई गई है, जिस तरीके की रोक महाकालेश्वर मंदिर में लगाई गई है। यह न्यायोचित नहीं है। सावन का महीना चल रहा है और देश भर के श्रद्धालुओं की आस्था भगवान महाकालेश्वर से जुड़ी हुई है।

महाकालेश्वर मंदिर में कोरोना रोकने को लेकर पर्याप्त इंतजाम किए गए है, इसके अलावा अस्वस्थ व्यक्ति मध्यप्रदेश के बाहर से दर्शन करने के लिए उज्जैन नहीं आ सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि महाकालेश्वर मंदिर में मध्यप्रदेश के बाहर के श्रद्धालुओं को रोके जाने की वजह से उज्जैन का व्यापार और होटल व्यवसाय विशेष रूप से प्रभावित हो रहा है । उन्होंने कहा कि गुरुवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान कैबिनेट मंत्रियों से बातचीत करेंगे। इस बातचीत के दौरान अपनी बात भी रखेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि सरकारी गाईड लाईन के मुताबिक रविवार को पूरा लाॅक डाउन   रखने की बात है। इस संबंध में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से आग्रह करेंगे। उन्होंने कहा कि शनिवार-रविवार-सोमवार को छोड़कर किसी भी अन्य यंत्र 2 दिन उज्जैन में रखा जा सकता है। कैबिनेट मंत्री मोहन यादव ने मुख्यमंत्री से चर्चा के बाद प्रशासनिक अधिकारियों को निर्देश दिए जाने की बात भी कही है। उन्होंने यह भी कहा कि कोरोना की रोकथाम बेहद जरूरी है लेकिन श्रद्धालुओं की भावनाओं के साथ साथ उज्जैन के व्यापार व्यवसाय पर भी ध्यान दिया जाना बेहद जरूरी है। उज्जैन में महाकालेश्वर मंदिर की वजह से हजारों की संख्या में लोगों को रोजगार मिलता है, इसलिए ऐसे मामलों में पूरी तरह मंथन करने के बाद ही फैसला लिया जाना सुनिश्चित होना चाहिए। 

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