डीआईजी की आहट से गुंडों की नींद हराम !

भोपाल/उज्जैन/ग्वालियर।  उज्जैन डीआईजी का पद खाली होते ही एक बार फिर आईपीएस अधिकारी सचिन कुमार अतुलकर की मांग उठने लगी है। उज्जैन में ऐतिहासिक कार्रवाई करते हुए आईपीएस अधिकारी सचिन कुमार अतुलकर ने आधा दर्जन एनकाउंटर किए थे । इसके अलावा कानून व्यवस्था को लेकर भी ऐतिहासिक कार्रवाई की गई थी, उनके आने की आहट से ही गुंडों की नींद आराम हो गई है। 

देश के सबसे कम उम्र के आईपीएस अधिकारी सचिन कुमार अतुलकर बालाघाट, सागर और उज्जैन में पुलिस अधीक्षक के रूप में जो ऐतिहासिक सेवाएं दी है, उसे हमेशा लोग याद करते हैं । धार्मिक नगरी उज्जैन में भी ऑपरेशन पवित्र के जरिए उनके द्वारा जोरदार कार्रवाई की गई । उनके कार्यकाल में जिले भर के 12000 लोगों के खिलाफ प्रतिबंधात्मक कार्रवाई की गई। इसके अलावा आईपीएस अधिकारी सचिन कुमार अतुलकर और कलेक्टर मनीष सिंह के कार्यकाल में भी ऐतिहासिक कार्यवाही की गई। उज्जैन में डीआईजी का पद खाली हो गया है। अब एक बार फिर आईपीएस अधिकारी और डीआईजी ग्वालियर सचिन कुमार अतुलकर की मांग उठने लगी है। 

उज्जैन के लोगों का कहना है कि आईपीएस अधिकारी सचिन कुमार अतुलकर को भगवान महाकाल की नगरी में एक बार फिर सेवा के लिए भेजा जाना चाहिए। उल्लेखनीय की शिवराज सरकार माफियाओं के खिलाफ बड़ा अभियान चला रही है। इसी कड़ी में उज्जैन में पुलिस अधीक्षक सत्येंद्र कुमार शुक्ल द्वारा भी दर्जनों गुंडों के मकान तोड़ दिए गए हैं। अब डीआईजी सचिन कुमार अतुलकर की आहट से ही बदमाश खौफ खा रहे हैं। गौरतलब है कि उनके कार्यकाल के दौरान कई बदमाशों ने उज्जैन जिला ही छोड़ दिया था। पुलिस अधीक्षक के रूप में सेवाएं दे चुके आईपीएस अधिकारी सचिन कुमार अतुलकर का डीआईजी उज्जैन के पद के लिए सबसे ऊपर नाम बताए जा रहा है । उज्जैन के जनप्रतिनिधि भी चाहते हैं कि डीआईजी के रूप में श्री अतुलकर को सेवा का मौका दिया जाए।  अगर सब कुछ ठीक रहा तो सोमवार को डीआईजी उज्जैन के पद को लेकर आदेश जारी भी हो सकता है। 

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