महाकल मंदिर: धर्म और देशभक्ति का अनूठा संगम

उज्जैन। विश्व भर में सबसे पहले धार्मिक आयोजनों की शुरूआत भगवान महाकाल के दरबार से होती है लेकिन देश भक्ति का रंग भी भगवान महाकाल के दरबार में सबसे पहले देखने को मिला। स्वतंत्रता दिवस पर राजाधिराज महाकाल देश भक्ति के रंग में रंग गए।

शनिवार को भगवान महाकाल के दरबार में देश भक्ति का रंग देखने को मिला। भगवान महाकाल के आंगन को तिरंगे से सजाया गया था। सबसे पहले भगवान महाकाल की भस्म आरती में तीन रंग से श्रृंगार कर पूजा अर्चना की गई। इसके बाद भगवान महाकाल के दरबार में कोरोना से मुक्ति के लिए पंडे पुजारियों ने प्रार्थना की।
महाकालेश्वर मंदिर के पुजारी ओम गुरु ने बताया कि भगवान महाकाल के दरबार में स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर विशेष रूप से शृंगार किया गया। भगवान महाकाल की भस्म आरती के पूर्व में दूध, दही और जल से अभिषेक कर कोरोना से मुक्ति के लिए प्रार्थना की गई । इसके बाद भगवान महाकाल का तीन रंगों से श्रृंगार किया गया। इस दौरान केसरिया और सफेद चंदन का उपयोग किया गया। इसके अलावा हरे रंग के रूप में भगवान महाकाल को प्रिय भांग का उपयोग किया गया।

जगमग रोशनी से नहा उठा महाकाल मंदिर
स्वतंत्रता दिवस के पूर्व संध्या पर जहां सरकारी इमारतों पर विद्युत सज्जा की चकाचौंध देखने को मिली, वहीं दूसरी तरफ धार्मिक नगरी उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर को भी तीन रंगों से सजाया गया। उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर में देश भक्ति और धर्म का विशेष संगम देखने को मिला।

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