एक, दो नहीं छह खून किए है सायको ने.. रतलाम एसपी ने निकाल दी बाल की खाल

रतलाम। साइको दुर्दांत अपराधी ने एक दो नहीं बल्कि 6 लोगों के खून किए हैं.. रतलाम एसपी गौरव तिवारी ने एक ऐसे दुर्दांत हत्यारे का पर्दाफाश किया है जो सामने नहीं आता तो शायद आने वाले समय में दर्जनों लोगों के खून से अपने हाथ रंग सकता था.. अब रतलाम पुलिस ने मध्य प्रदेश ही नहीं बल्कि गुजरात सहित अन्य प्रदेश के पुलिस और लोग अलर्ट किया है.. हत्यारे के खिलाफ ₹30000 का इनाम घोषित कर दिया गया है.. अपराधी काफी हथियारों से लैस रहता है इसलिए मुठभेड़ की आशंका के चलते पुलिस टीम को भी अलर्ट किया गया है..

सोने के लिए देश भर में मशहूर उज्जैन संभाग के रतलाम जिले में हमेशा शांति बनी रहती है लेकिन पिछले कुछ दिनों से लगातार ऐसी अजीब आपराधिक वारदातें हो रही थी जिसे सुनकर हर कोई अचंभित था। पहले यहां पर एक महिला की गोली मारकर हत्या कर दी गई और उसके घर के सारे जेवर गायब हो गए। इस वारदात को कुछ ही दिन बीते थे कि फिर छोटी दीपावली पर गोविंद सोलंकी, उनकी पत्नी शारदा बाई और पुत्री दिव्या की गोली मारकर हत्या कर दी गई।

पुलिस अधीक्षक गौरव तिवारी ने चारों अंधे कत्ल लोगों चुनौती मानकर 100 लोगों की टीम बनाई। इस टीम में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका रतलाम पुलिस ने हाईटेक प्रबंधों के चलते साइबर नेटवर्किंग का जाल बिछाया। सबसे पहले सोलंकी परिवार के हत्यारों को ढूंढने के लिए आसपास के सीसीटीवी फुटेज तलाशे गए । इस दौरान दो संदिग्ध कैमरे में कैद हुए । जब उनकी तलाश निकाली गई तो पता चला कि दोनों ही रतलाम से गायब है । इसके बाद पुलिस की टीम ने साइबर सेल के जरिए दोनों की मोबाइल लोकेशन ट्रेस की । इसके बाद दोनों लोगों को पकड़ा गया। उन्होंने जो कहानी बताई वह काफी चौंकाने वाली थी। इस पूरे हत्याकांड का मास्टरमाइंड दाहोद का दिलीप देवल था। वह किराए का मकान ढूंढ कर ऐसे परिवारों पर निगाह रखता था, जहां पर महिलाएं घर पर अकेली रहती थी। इसके बाद वह किसी बहाने से मकान में दाखिल होकर हत्याकांड को अंजाम देकर सारे जेवर लूटकर ले जाता था। हत्याकांड में पुलिस ने रतलाम के ही 3 लोगों को गिरफ्तार किया है। इनके नाम बॉबी, अनुराग और गोलू है। जबकि दिलीप देवल अभी फरार है। उसकी सरगर्मी से तलाश की जा रही है। बताया जाता है कि दिलीप देवल ने आधा दर्जन हत्याकांड को अंजाम दिया है। उस पर ₹30000 का इनाम रखा गया है। आरोपी की गिरफ्तारी के बाद और भी वारदातों का खुलासा होने की संभावना है। बताया जाता है कि आरोपी के पास काफी संख्या में फर्जी आधार कार्ड भी है   खास तौर पर गुजरात में उसने फर्जी आधार कार्ड का खूब इस्तेमाल किया है।

हत्याकांड के लिए क्यों चुनी छोटी दिवाली

पुलिस अधीक्षक गौरव तिवारी की मानें तो आरोपियों ने पहले ही वारदात को अंजाम देने के लिए पूरी तैयारी कर ली थी , इसलिए छोटी दीपावली का दिन चुना गया था क्योकि गोली चलने की आवाज पटाखों के शोर के बीच दब जाए । बताया जाता है कि सबसे पहले आरोपियों ने शारदा बाई को गोली मारकर उस समय ढेर कर दिया जब टीवी देख रही थी। इसके बाद फायर की आवाज सुनकर उनकी बेटी दिव्या सामने आई तो उसके भी गोली मार दी गई । जब आरोपी सारा माल लूट कर भाग रहे थे, उस समय घर के मुखिया गोविंद सोलंकी आते हुए नजर आए। इसके बाद आरोपी फिर से कमरे में छिप गए और गोविंद सोलंकी के आने का इंतजार करते रहे। जब गोविंद सोलंकी घर के अंदर दाखिल हुए उस समय उन्हें भी गोली मार दी गई।

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